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इससे पहले कि मैं पुस्तक की शुरुआत करूँ, मैं आप सभी को यह साफ बताना चाहता हूँ कि यह पुस्तक किस बारे में नहीं है। यह पुस्तक कॉलेज के जीवन के मार्गदर्शन के लिए नहीं है। इसके विपरीत, यह एक उदाहरण है कि कैसे आपके कॉलेज के साल खराब हो सकते हैं। यह आपकी अपनी सोच है कि आप इससे सहमत हैं या नहीं। मैं ऐसी उम्मीद करता हूँ कि रेयान और आलोक, जो पागल हैं, शायद यह पढ़ने के बाद वे मुझे मार डालें; लेकिन उसकी मुझे चिंता नहीं। मेरा मतलब है कि अगर वे चाहते तो वे अपने विचार लिख सकते थे। लेकिन आलोक तो लिख ही नहीं सकता और स्यान वैसे तो वह जो
चाहे कर सकता है, लेकिन वह बहुत ही आलसी है। इसलिए यह कहना चाहता हूँ कि यह मेरी कहानी है। मैं जैसा चाहूँ वैसा बताउँगा।
मैं एक और बात बताना चाहता हूँ कि यह पुस्तक और क्या नहीं बताती है। यह आपको आई.आई.टी. में प्रवेश लेने में मदद नहीं करती। मैं यह सोचता हूँ कि दुनिया के आधे पेड़ों का
इस्तेमाल आई.आई.टी. की परीक्षा में प्रवेश करने के लिए बनी गाइड्स में होता है। उनमें से अधिकतर गाइड्स बकवास हैं, लेकिन इससे अधिक मददगार होंगी।
रेयान, आलोक और मैं शायद इस दुनिया में आखिरी होंगे, जिनसे आप आई.आई.टी. में प्रवेश के लिए कुछ जानकारी लेना चाहें। हम आपको यह सलाह दे सकते हैं कि आप अपने को पुस्तकों के साथ दो वर्ष तक एक कमरे में बंद कर लें और उसकी चाबी फेंक दें। अगर आपके हाई स्कूल के दिन मेरे जितने खराब जा रहे हों तो शायद पुस्तकों के ढेर के साथ रहना कोई बुरा तिवार नहीं होगा। मेरे स्कूल के आखिरी दो साल बहुत ही खराब थे, और अगर आप भी मेरी तरह अपने स्कूल की बास्केट बॉल टीम के कप्तान नहीं हैं और आपको गिटार भी बजाना नहीं आता हो, तो आपके दिन भी उतने ही खराब होंगे। मगर मैं उन चीजों में वापस जाना नहीं चाहता हूँ।
मैं सोचता हूँ कि मैंने अपना डिसक्लेमर बता दिया और अब उपन्यास लिखना शुरू करता हूँ…..