भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link , No tags for this post. All PDF Books Download Free and Read Online, भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download PDF , भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download Summary & Review. You can also Download such more Books Free - Hindi Novels PDF Download FreeHindi PDF Books Download
Description of भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download
Name : | भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download |
Author : | Invalid post terms ID. |
Size : | 3.2 MB |
Pages : | 211 |
Category : | Novels, Suspense thriller Novels |
Language : | Hindi |
Download Link: | Working |
क्या आप एक महाकाव्य सस्पेंस कहानी के लिए तैयार हैं? वास्तव में, अब आप नोवोनेल चक्रवर्ती की इस रिवेटिंग किताब के साथ आंतरिक सस्पेंस स्टोरी क्रेविंग का आभार व्यक्त कर सकते हैं। लेखक ने एक नाखून काटने वाली कहानी को नीचे उतारा है जो त्रयी का एक हिस्सा है, ‘स्ट्रेंजर’। त्रयी में यह तीसरी और अंतिम पुस्तक, ‘भूल न जाना, अज़नबी‘ एक ऐसी पुस्तक है जो मुख्य चरित्र रिवाना के जीवन पर प्रकाश डालती है क्योंकि आप अपनी सीट के किनारे से रहस्यों को उजागर करते हैं।
इस कड़ी की पहली और दूसरी किताब डाउनलोड करें –
1. कौन हो तुम, अजनबी / Kaun Ho Tum, Ajnabi / Marry Me, Stranger in Hindi by Novoneel Chakraborty
2. साथ रहना, अज़नबी / Sath Rehana, Ajnabi / All Yours, Stranger in Hindi by Novoneel Chakraborty
रिवाना एक ऐसे व्यक्ति द्वारा पीछा किया जा रहा है जो उसके लिए अज्ञात है। उसे शक है कि यह एक भूत है, एक व्यक्ति है, एक दोस्त है, या यह सिर्फ एक पागल मतिभ्रम है? अपनी खुद की सुरक्षा से डरकर, वह इस तथ्य के कारण पीड़ा महसूस कर रही है कि पहचान अज्ञात है।
रिवाना के साथ रास्ता बनाओ क्योंकि वह उसके जीवन के बारे में सोचती है
रिवाना का प्रेम-जीवन बिखरा हुआ है जो कुछ भी है लेकिन स्थिर नहीं है। रिवाना अपने माता-पिता से दूर एक बड़े शहर में रह रही है। वह किसी भी अन्य विशिष्ट लड़की की तरह स्वभाव से हानिरहित है। लेकिन उसका पूरा जीवन तब से उल्टा हो गया है, जब वह एक रहस्यमय आदमी द्वारा पीछा किया जा रहा है, जिसकी पहचान छिपी हुई है। वह अपने जीवन के कई पहलुओं पर बारीकी से विचार करती है और अपने सवालों के जवाब पाती है।
रिवाना के सवालों के जवाब तलाशे और सस्पेंस में गहरी खुदाई कीरिवाना आखिरकार उसके कई भयावह सवालों के जवाब जान जाएगी। वह पूछती है, “वह कौन सी ताकत है जो उसे मृत हिया से बांधती है?” इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण सवाल अभी भी बना हुआ है, ‘कौन अजनबी है और वह उसका पीछा क्यों कर रहा है?’ पुस्तक में सभी उत्तर हैं।
जवाब एक गहन और रहस्यमय चरमोत्कर्ष को प्रकाश में लाएंगे जो निश्चित रूप से आपकी सांस लेने वाला है।
Summary of book भूल न जाना, अज़नबी / Bhool Na Jana, Ajnabi / Forget me not, Stranger in Hindi PDF Download
पुस्तक का कुछ अंश:
‘सुन, तुझे आंटी को वापस फ़ोन कर लेना चाहिए। वो तीन बार फ़ोन कर चुकी हैं, जैसे ही
रिवाना नहाकर निकली, इशिता ने कहा।
‘मुझे समझ नहीं आता कि मम्मा कोलकाता में भी मेरे बारे में इतनी फिक्र क्यों करती रहती हैं। मैं
अपने ही शहर में हूं यार,’ रिवाना ने कहा और अपना फ़ोन उठा लिया। जब से तो हिया के घर
आगरपाड़ा से, इशिता के यहां पीजी लौटी थी, उसकी तबियत खराब लग रही थी। उसे अपने पेट
में डर का गुबार उठता हुआ सा महसूस हो रहा था। क्या अजनबी उसे मार डालेगा? क्या वो एक
सीरियल किलर था?
इशिता ने रिवाना से बार-बार कुछ खाने के लिए कहा, लेकिन उसका खाने का मन ही
नहीं हो रहा था। उसने सोने की कोशिश भी की, लेकिन इस डर से सो नहीं पाई कि कहीं
अजनबी उसके ठीक सामने आकर उसे मार न दे। ठीक वैसे ही जैसे उसने हिया चौधुरी को भी
खुद को मार डालने के लिए बेबस कर दिया होगा, उसने सोचा। इशिता ने उसे गर्म पानी से
नहाने की सलाह दी ताकि उसको थोड़ी राहत मिल सके। नहा लेने के बाद वाकई रिवाना को
थोड़ा बेहतर महसूस हो रहा था।
‘हैलो, मम्मा, क्या हुआ?’ उसने अपनी मां को वापस फोन किया।
‘मिनी, घर वापस आओ। अभी!’ उसकी मां की आवाज़ डरी हुई लग रही थी।
रिवाना के दिल की धड़कन रुक गई। ज़रूर कुछ न कुछ बुरा हुआ होगा।
‘क्या हुआ, गग्गा?’ रिवाना के मुंह से भी डरी हुई आवाज़ निकली।
एक लम्हे के लिए कोई जवाब नहीं आया और फिर उसकी मां ने आराम से कहा, ‘कुछ
नहीं। मुझे बस अकेला महसूस हो रहा है। घर आ जाओ, मिनी!’
ये अजीब बात थी क्योंकि अब अचानक उसकी मां की आवाज़ सुनकर ऐसा लग रहा था
जैसे कि सबकुछ ठीक था। ‘तुमने मुझे डरा दिया, मम्मा। खैर, मैं घर आ रही हूं।
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