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Description of सम्पूर्ण चंद्रकांता / Sampoorna Chandrakanta Book PDF Download
Name : | सम्पूर्ण चंद्रकांता / Sampoorna Chandrakanta Book PDF Download |
Author : | Invalid post terms ID. |
Size : | 14 MB |
Pages : | 1631 |
Category : | Novels |
Language : | Hindi |
Download Link: | Working |
रानी चंद्रकांता की आकर्षक सुंदरता देश के हर आदमी को पता है। हर राज्य के राजकुमार उससे शादी करने का सपना देखते हैं, लेकिन उन्हें क्या पता है कि उसका दिल किसी पर लगा हुआ है- राजा वीरेंद्र सिंह। वीरेंद्र और बीआर>चंद्रकांता प्यार में पागल हैं। लेकिन चंडीगढ़ के राजा शिवदत्त बीआर>चंद्रकांता को किसी और के साथ देखना बर्दाश्त नहीं कर सकते। वह उसे एक जंगल के बीच में जादू से बंधी एक तिलिस्मैनिक इमारत में फंसाता है। क्या वीरेंद्र जादू को तोड़ने और अपने जीवन के प्यार को मुक्त करने में सक्षम होगा? या बीआर>चंद्रकांता हमेशा के लिए पिंजरे में बंद रहने के लिए अभिशप्त है? उन्नीसवीं शताब्दी के भारत में स्थापित, देवकीनंदन खत्री की चंद्रकांता जादू, रहस्य और भ्रम से भरी हुई है, और इसे भारतीय साहित्य में सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है।
Summary of book सम्पूर्ण चंद्रकांता / Sampoorna Chandrakanta Book PDF Download
नौगढ़ के राजा सुरेंद्रसिंह के लड़के वीरेंद्रसिंह की शादी विजयगढ़ केमहाराज जयसिंह की लड़की चंद्रकांता के साथ हो गई। बारात वाले दिन तेजसिंहकी आखिरी दिल्लगी के सबब चुनार के महाराज शिवदत्त को मशालची बनना पड़ा । बहुतों की यह राय हुई कि महाराज शिवदत्त का दिल अभी तक साफ नहीं हुआ इसलिए अब इनको कैद ही में रखना मुनासिब है मगर महाराज सुरेंद्रसिंह ने इस बात कोनापसंद करके कहा, कि “महाराज शिवदत्त को हम छोड़ चुके हैं, इस वक्त जो तेजसिंह से उनकी लड़ाई हो गई यह हमारे साथ वैर रखने का सबूत नहीं हो सकता। आखिर महाराज शिवदत्त क्षत्रिय हैं, जब तेजसिंह उनकी सूरत बना बेइज्जती करने पर उतारू हो गए तो यह देखकर भी वह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे? मैं यह भी नहीं कह सकता कि महाराज शिवदत्त का दिल हम लोगों की तरफ से बिल्कुल साफ हो गया क्योंकि उनका अगर दिल साफ ही हो जाता तो इस बात को छिपकर देखने के लिए • आने की जरूरत क्या थी तो भी यह समझकर कि तेजसिंह के साथ इनकी यह लड़ाईहमारी दुश्मनी के सबब नहीं कही जा सकती, हम फिर इनको छोड़ देते हैं। अगर अब भी ये हमारे साथ दुश्मनी करेंगे तो क्या हर्ज है ये भी मर्द हैं और हम भी मर्द हैं, देखा जायेगा । ”
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