Uncategorized द गर्ल इन रूम 105 | The Girl in Room 105 by Chetan Bhagat Download Free PDF

द गर्ल इन रूम 105 | The Girl in Room 105 by Chetan Bhagat Download Free PDF

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छह महीने पहले
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‘स्टॉप, मेरे भाई, स्टॉप,’ सौरभ ने मेरे हाथ से व्हिस्की का गिलास छुड़ाते हुए कहा।
‘मैं नशे में नहीं हूं,’ मैंने कहा| हम मेकशिफ्ट बार के पास ड्राइंग रूम के एक कोने में बैठे हुए थे। कोचिंग क्लास फैकल्टी के बाकी के लोग अरोरा सर के इर्द-गिर्द जमा थे। वे कभी भी उनकी लल्लो-चप्पो करने का मौका नहीं गंवाते थे।
हम चंदन क्लासेस के संचालक और हमारे बाँस चंदन अरोरा के मालवीय नगर स्थित घर पर आए थे।
‘तुमने मेरी क़सम खाई थी कि तुम दो ड्रिंक से ज़्यादा नहीं पीओगे,’ सौरभ ने कहा।
मैं उसे देखकर मुस्करा दिया।
‘हां, लेकिन मैंने ड्रिंक्स की साइज़ तो तय नहीं की थी ना? एक ड्रिंक में आधी बोतल भी तो पी जा सकती है, मेरी आवाज़ लड़खड़ा गई। मैं खुद ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था।
‘तुम्हें ताजी हवा की ज़रूरत है। चलो बालकनी में चलते हैं,’ सौरभ ने कहा।
‘मुझे केवल ताज़ी व्हिस्की की ज़रूरत है,’ मैंने कहा।
सौरभ मेरी बांह पकड़कर मुझे खींचते हुए बालकनी में ले गया। मुझे तो यक़ीन ही नहीं हुआ कि शुलशुल शरीर वाला यह इंसान इतना ताक़तवर कब से हो गया था।
‘यहां तो कड़ाके की सर्दी है,’ मैंने ठंड से कांपते हुए कहा। अपने आपको गर्म बनाए रखने के लिए मैं अपनी हथेलियों को मलने लगा।
‘भाई, तुम्हें इतनी नहीं पीनी चाहिए।’
‘यह न्यू ईयर ईव है। तुम तो जानते ही हो इस तारीख को मुझे क्या हो जाता है।’
‘वो अब बीती बात हो गई है। वार साल पुरानी। अभी साल 2018 लगने जा रहा है।’
‘लगता है जैसे चार पल पहले की बात हो,’ मैंने कहा।….

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