अघोर / Aghor by Purushottam Kumar Download Free PDF

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निलोत्पल मृणाल की औघड़ से आगे की कहानी…
औघड़ पढ़ने के बाद मुझे लगा की कहानी कहीं न कहीं अधूरी है यह कहानी थोड़ी और आगे तक जानी चाहिए। उस बिरंची जी को न्याय मिलना चाहिए था, इसलिए हमने कलम उठाया और दो पंक्ति लिखने का कोशिश किया है। मेरी यह इच्छा थी कि मैं इस छोटी सी पुस्तक को बिल्कुल मुफ्त में किंडल पर लॉन्च करूं लेकिन किंडल पर एक किताब प्रकाशित करने के लिए ये न्यूनतम शुल्क पहले से निर्धारित था, इस बात का मुझे दुख है। पढ़ने के बाद कृपया आप अपनी किमती सुझाव जरूर दें। हमें आपका सुझाव और प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

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