दिल्ली दरबार / Dilli Darbar PDF Download Free Hindi Book by Satya Vyas Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link ,
Description of दिल्ली दरबार / Dilli Darbar PDF Download Free Hindi Book by Satya Vyas
Name : | दिल्ली दरबार / Dilli Darbar PDF Download Free Hindi Book by Satya Vyas |
Author : |
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Size : | 0.8 MB |
Pages : | 163 |
Category : | Novels |
Language : | Hindi |
Download Link: | Working |
ये कहानी दो ऐसे युवको की है जो छोटे शहर से अपने सपनो को सच करने दिल्ली जैसे बड़े महानगर की और रुख करते है। एक जिंदगी को बेहतर ढंग से जीने के लिए मेहनत करता है और दूसरा जिंदगी को ही बेहतरीन बना लेता है।सत्य व्यास जी ने अपने लेखन के माध्यम उन सभी युवाओं की कहानी से रूबरू कार्य है जो असल जिंदगी में घट चुका है और और भविष्य में घटना घटने वाली है
Summary of book दिल्ली दरबार / Dilli Darbar PDF Download Free Hindi Book by Satya Vyas
“लड़की देखी नहीं बे! साला ग्लांसे मार लेती।”
पिंच-हिटिंग और हार्ड-हिटिंग के अंतर पर घंटा भर लेक्चर दे सकते हैं। मार्क ग्रेटबैच को ‘फादर ऑफ पिंच हिटिंग’ का खिताब इन्हीं का दिया हुआ है। डकवर्थ-लुईस मेथड का ‘द विंची कोड’ देश भर में सिर्फ अनुराग डे समझते हैं। सन् 1987 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जब फिलिप डेफ्रिट्स के दूसरे ही ओवर में सुनील गावस्कर बोल्ड हो गए तो 6 साल के अनुराग डे चिल्लाने लगे – Fix है ! Fix है! उनके पिताजी को लगा कि बेटा चिल्ला रहा है – Six है, Six है। काश ! पिताजी उस दिन समझ गए होते! पिताजी की नासमझी से मैच फिक्सिंग जैसा अपराध फैल गया।
“अच्छा, अच्छा… आपको क्रिकेट में इंटरेस्ट नहीं है ! Girls Hostel में तो है ना? तो रूम नंबर-79 में ही अनुराग डे के रूम पार्टनर ‘सूरज’ से मिलिए। हालाँकि, इनके क्या, इनके बाप के नाम से भी पता नहीं चलता कि वो ब्राह्मण हैं; लेकिन जानकारों की कमी, कम-से-कम भगवानदास में तो नहीं ही है। फौरन उनकी सात पीढ़ियों का पता चल गया और वो होस्टल के ‘बाबा’ हो गए। फैकल्टी में ‘सूरज’ और दोस्तों में ‘बाबा’ । लड़कियों में विशेष रुचि है बाबा की । B.H.U के girls hostel की पूरी खबर रखते हैं। हर खुली खिड़की पर दस्तक देते हैं। खिडकियों से झिडकियाँ मिलने पर उदास नहीं होते; दुगने
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Sir Aapne pure page upload nhi kiye h , 126 page hi aa rhe h pdf me total 176 hone chahiye. Please reply.
Dear Sandeep, कुल 126 पृष्ठ ही है। त्रुटिवश 176 लिखा गया था जिसे अब सुधार दिया गया है।
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