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केन ब्रेन्डन जे दरवाजा खोला और अपने घर की लॉबी में दाखिल हुआ।
“हाय हनी, मैं आ गया।”—उसने ऊँची आवाज कहा—“कहाँ हो तुम?”
“किचन में….और कहाँ होऊँगी?”—पत्नी ने पूछा- “आज तुम जल्दी आ गए?”
वो अपने घर के सजे-संवरे रसोईघर के दरवाजे पर पहुंचा जहाँ भीतर उसकी पत्नी उनका रात का खाना तैयार कर रही थी।
केन ब्रेन्डन ने दरवाजे पर खड़े होकर अपनी बीवी को बड़े गौर से देखा।
उनकी शादी को चार साल गुजर चुके थे लेकिन इन गुजरे चार सालों ने बेट्टी, उसकी बीवी, के प्रति उसकी चाहत में कोई कमी नहीं आने दी थी। इकहरे बदन, सुनहरे बालों वाली बेट्टी अपनी सुन्दरता के मुकाबले कई गुना ज्यादा आकर्षक थी। बेट्टी एक कुशल गृहिणी, एक सुघड़ घरवाली तो थी ही, लेकिन साथ ही उसकी असली काबिलियत इस बात से भी जाहिर होती थी कि वह जिस काबिलियत से घर संभालती थी, उतनी ही कामयाबी से डॉक्टर हेन्ज के क्लीनिक में रिसेप्शन भी हैंडल कर लेती थी।
और डॉक्टर हेन्ज–जो पैरेडाईज सिटी के सबसे काबिल और मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ थे—के क्लीनिक में रिसेप्शनिस्ट होने के लिए कुशल होना बेहद जरूरी था।
और बेट्टी ऐसी ही थी।
कुशल, काबिल, समर्थ।।….