मन की उलझन कैसे सुलझाएं / Man Ki Uljhan Kaise Suljhaye PDF Download Free Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link ,
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Name : | मन की उलझन कैसे सुलझाएं / Man Ki Uljhan Kaise Suljhaye PDF Download Free |
Author : | Invalid post terms ID. |
Size : | 1.57 MB |
Pages : | 53 |
Category : | Self Help Books |
Language : | Hindi |
Download Link: | Working |
व्यक्ति की बुद्धि और शरीर का संचालन उसके मन से होता है। मन शान्त, स्थिर और हर्ष से भरा हुआ हो, तो सभी कुछ सहज और स्वाभाविक ढंग से पूर्ण होता चला जाता है। इसके विपरीत यदि मन ठीक नहीं हो, यानी उसमें ढेरों उलझनें भरी हों, तो बुद्धि बौरा जाती है, कोई रास्ता नहीं सूझता और बौखलाहट में व्यक्ति बहुत कुछ उलट-सुलट कर बैठता है। इसीलिए यह मानी हुई बात है कि प्रसन्न तथा शान्त मन व्यक्ति को चिर आनंद की प्राप्ति कराता है व जीने की राह बनाता है।
इसी परिप्रेक्ष्य में यह पुस्तक मन की गुत्थियों को सुलझाकर व्यक्ति को वर्तमान समय में जीने और उन्नति करने योग्य बनाने वाली व्यावहारिक मार्गदर्शिका है।
इस पुस्तक में बताया गया है भय, तृष्णा, अहंकार, क्रोध, आलस्य, निराशा, अन्तर्द्वंद्व, अतिभावुकता, बेचैनी, विमुखता, चिंता, ऊँची उड़ानों जैसे मन के विकारों को कैसे दूर किया जा सकता है; और धैर्य, आशा, आत्मविश्वास, चाह, इंद्रियों पर नियंत्रण, शरीर सौष्ठव, आत्मविस्तार और आत्मसम्मान को कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
Summary of book मन की उलझन कैसे सुलझाएं / Man Ki Uljhan Kaise Suljhaye PDF Download Free
एक पुरानी लोक कथा है। एक बार एक गांव में महामारी फैली, परिवार के सदस्य एक-एक करके मौत के शिकार हो गए। एक नासमझ बच्चा बचा। दुर्भाग्य के मारे इस अनाथ बालक ने घर से भाग कर दूसरे गांव में शरण ली। वह एक खंडहरनुमा खाली मकान में पहुंचा। भूखा-प्यासा थका हुआ बालक उस खंडहर में सो गया। रात को एक भयावह आवाज को सुनकर उसकी नींद टूटी, देखा तो सामने एक भयानक भूत खड़ा है। बच्चा डरा, लेकिन कोई और उपाय न देखकर उसने भूत की खुशामद की और अपनी परेशानी बताईं। भूत को दया आ गई, उसने बच्चे के खाने- पीने की व्यवस्था की और फिर उसे सोने की आज्ञा दे दी। भूत रोज रात को आता और बच्चे को अपने कारनामों की डरावनी कहानियां सुनाता, लेकिन बच्चे की विनम्रता और सेवा से वह इतना प्रभावित था कि बच्चे को तंग नहीं करता। बच्चा तो बच्चा ठहरा, वह भयानक भूत से डरता रहता।
एक दिन बच्चे ने भूत से पूछा कि आप दिन में कहां जाते हैं। भूत ने बताया कि वह यमराज के आदेश पर लोगों को मारने का कार्य करता है। बच्चे ने विनती की कि कल यमराज से यह पूछकर आना कि मेरी आयु कितनी है। भूत ने दूसरे दिन लौट कर बच्चे को उसकी आयु बता दी। बच्चे ने फिर विनती की कि मेरी आयु को या तो एक दिन बढ़वा दो या एक दिन कम करवा दो। दूसरे दिन लौट कर भूत ने बताया कि निर्धारित आयु में से न तो एक दिन कम हो सकता है और न एक दिन बढ़ सकता है। बच्चे ने तुरंत फैसला लिया कि जब आयु कम या अधिक हो ही नहीं सकती,
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