पुत्र प्रेम / Putra Prem Book PDF Download

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Name पुत्र प्रेम / Putra Prem Book PDF Download
Author Invalid post terms ID.
Size 0.9 MB
Pages 112
Category Stories
Language Hindi
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कथा सम्राट प्रेमचंद्र विश्व के उन विशिष्ट कथाकारों की श्रेणी में गिने जाते हैं, जिन्होंने समाज के सभी वर्गों – अमीरगरीब स्त्रीपुरुष, बच्चेबूढ़े, जमींदारकिसान, साहूकारकर्जदार आदि के जीवन और उन की समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधीसादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है. यही कारण है की प्रेमचंद की कहानियां हिंदी भाषी क्षेत्रो में ही नहीं, सम्पूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी तथा सराही जाती हैं. प्रेमचंद की इस प्रासंगिता के संदर्भ में प्रस्तुत है उन की कुछ भूलीबिसरी, किन्तु विशिष्ट कहानियों का संग्रह ‘पुत्र प्रेम’, जिस में सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन के खट्टेमीठे अनुभव बिखरे पड़े हैं. ये कहानियां प्रेमचंदकालीन उर्दू की पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित हुई थी.

 

Summary of book पुत्र प्रेम / Putra Prem Book PDF Download


बाबू चैतन्यदास ने अर्थशास्त्र खूब पढ़ा था, और केवल पढ़ा ही नहीं था, उस का यथायोग्य व्यवहार भी वे करते थे. वे वकील थे, दोतीन गांवों में उन की जमींदारी भी थी, बैंक में भी कुछ रुपए थे. यह सब उसी अर्थशास्त्र के ज्ञान का फल था. जब कोई खर्च सामने आता तब उन के मन में स्वभावतः प्रश्न होता था- इस से पहले स्वयं मेरा उपकार होगा या किसी अन्य पुरुष का? यदि दो में से किसी का कुछ भी उपकार न होता तो वे बड़ी निर्दयता से उस खर्च का गला दबा देते थे. ‘व्यर्थ’ को वे विष के समान समझते थे. अर्थशास्त्र के सिद्धांत उन के जीवनस्तंभ हो गए थे.
बाबू साहब के दो पुत्र थे. बड़े का नाम प्रभुदास था, छोटे का शिवदास. दोनों कालेज में पढ़ते थे. उन में केवल एक श्रेणी का अंतर था. दोनों ही चतुर, होनहार युवक थे. किंतु प्रभुदास पर पिता का स्नेह अधिक था. उस में सदुत्साह (अच्छे उत्साह) की मात्रा अधिक थी और पिता को उस की जात से बड़ीबड़ी आशाएं थीं. वे उसे विद्योन्नति के लिए इंगलैंड भेजना चाहते थे. उसे बैरिस्टर बनाना उन के जीवन की सब से बड़ी अभिलाषा थी.

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Q. Who is the author of the book पुत्र प्रेम / Putra Prem Book PDF Download?
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