ब्रिटिश लेखक सर आर्थर कॉनन डायल ने आज से लगभग सवा सौ साल पहले वर्ष 1887 में सबसे पहले अपने एक जासूसी किरदार शेरलॉक होम्स को इंट्रोड्यूस किया, और धीरे-धीरे होम्स प्रसिद्धि में अपने रचनाकार से आगे निकल गया। शेरलॉक अपने जासूसी के काम में निपुण था। वह न केवल गेटअप बदलने में निपुण था, बल्कि किरदार में घुस ही जाता था। होम्स भले ही दुबला-पतला था, लेकिन ताकतवर था—शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी।
होम्स कभी बीसियों दिन तक घर में पड़ा रहता था तो कभी लगातार बीसियों दिन तक जासूसी के अपने काम पर। होम्स की प्रत्येक कहानी रहस्य व रोमांच से भरपूर है। अगर आपने होम्स को पढ़ लिया तो अन्य जासूसी कहानियाँ आपको उबाऊ लगेंगी। होम्स को कई जगह वैज्ञानिक भी बताया गया है, जो प्रयोग में लगा रहता था, और अपनी प्रशंसा सुनना इसे कम पसंद था। होम्स हमेशा सिर्फ तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष देता था।