“नमस्कार साथियो “
जैसा की हम सब जानते है की एक दिन मे कोई भी अमीर नहीं बन सकता है दुनिया में जितने भी millionair है उन्होंने एक ही दिन में इतना बड़ा मुकाम हासिल नहीं किया है उन्होंने अपने पैसे को अलग-अलग जगह इन्वेस्ट करके यह उपलब्धि प्राप्त की है।
हम जितने भी अमीर आदमियों की बायोग्राफी उठाकर देखेंगे तो उन लोगों ने अपने पैसे को सिस्टमैटिक तरीके से सही स्ट्रेटजी के साथ निवेश किया है।
हमारा आज का यह लेख काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे एस. आई. पी क्या होता है? और यह किस तरीके से कार्य करता है? आखिर में एसआईपी में पैसे क्यों लगाने चाहिए? साथ ही यह भी जानेंगे कि इससे हमें ज्यादा मुनाफा कैसे होता है? तो इसलिए को शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़ें तभी आप एसआईपी के बारे में कंप्लीट जानकारी ले पाएंगे।
एस. आई. पी का फुल फॉर्म ( सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान )होता है म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए जितने भी प्लान हैं उन सभी प्लानो में से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसके जरिए आप कम समय में अपने भविष्य के लिए अच्छी रकम इकट्ठा कर सकते हैं. इसमें आपको किसी भी तरीके की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसमें आप अपने भविष्य के निर्माण के लिए अच्छी रकम इकट्ठा कर पाते हैं।
अगर आप सही तरीके से एसआईपी में इन्वेस्ट करते हैं तो आप कम समय में भी करोड़पति बन सकते हैं। एसआईपी के जरिए आप मजबूत भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं। एसआईपी में आप कम से कम ₹500 का भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं साथ ही एसआईपी का एक और बेनिफिट यह है कि इसमें निवेश की अंतराल की सीमा आपको स्वयं को तय करनी होती है आप मासिक या सालाना कोनसे तरीके से इन्वेस्टमेंट करना चाहते है। एसआईपी के जरिए आप कम समय में अधिक रकम इकट्ठा कर सकते हैं।
एसआईपी का कार्य सिद्धांत दो तरीके से कार्य करता है पहला तरीका तो यह है कि आप अपने पैसे को फिक्स डिपाजिट कर कर रख सकते हैं। इसमें आपको इतना ज्यादा ब्याज नहीं मिलता है। ना ही आप की रकम बड़ी बनती है लेकिन दूसरा एसआईपी ka तरीका यह है कि आप एसआईपी म्यूचुअल फंड में अपना पैसा निवेश कर सकते हैं। इसमें आपको ज्यादा रिटर्नस प्राप्त होते हैं आप की रकम बड़ी बन जाती है।
एसआईपी का एक फायदा यह भी होता है कि आपने जिस भी म्यूचल फंड में निवेश किया है इसमें ऑटोमेटिक आप से बैंक खाते से रकम कट जाती है।
आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है आपने जितनी भी तारीख को म्यूचल फंड में निवेश किया है। उतनी ही तारीख को यह पैसा कट जाता है जिन शेयरों में अपने निवेश किया है ऑटोमेटिक निवेश राशि लग जाती है।
उदाहरण के लिए मान लेते हैं आपको एक जमीन खरीदनी है तो आप जमीन खरीदने के लिए बैंक से लोन लेंगे या फिर किसी अन्य थर्ड पार्टी से लोन लेंगे अब हमने जो लोन लिया है लोन का भुगतान हम EMI के आधार पर करते हैं।
जिसमें हमारी मूल राशि के अलावा भी हमें ब्याज देना पड़ता है, दूसरी तरफ अभी हम एसआईपी पर निवेश करते हैं, तो हम थोड़े समय बाद अपनी रकम इकट्ठा कर लेते हैं उस रकम के जरिए हम कोई जमीन खरीदते हैं, तो हमें किसी भी तरीके का कोई ब्याज वगैरह नहीं देना पड़ता है।
जब हम एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो हमको यूनिट्स अलॉट किए जाते हैं उदाहरण के जरिए हम इसको अच्छे तरीके से समझते हैं मान लो किसी म्यूच्यूअल फंड का NAV वर्तमान समय में 100 रुपए है अगर आपने इस म्यूच्यूअल फंड में ₹10000 का निवेश किया है तो आपको 100 यूनिट अलॉट किए जाएंगे जैसे-जैसे आपका NAV बढ़ती रहेगी वैसे वैसे आपका निवेश और अधिक बढ़ता रहेगा. एक समय ऐसा आएगा कि आपकी म्यूच्यूअल फंड की NAV ₹110 हो जाती है तो आपके 100 यूनिट्स की कीमत 10,000 से बढ़कर ₹11000 हो जाती है यानी आपको ₹1000 का मुनाफा मिल जाता है।
इसी तरह आप यदि बड़ी रकम SIP के जरिए निवेश करते हैं तो आप थोड़े ही समय में एक बड़ी मात्रा में रकम इकट्ठा कर सकते हैं लेख मे आगे हम जानेंगे की एसआईपी के क्या-क्या फायदे होते हैं।
SIP में निवेश करना बहुत ही आसान कार्य है नीचे हम आपको कुछ पहलू बता रहे हैं जिनको पालन करके आप बड़ी आसानी से एसआईपी में निवेश कर सकते हैं…….
ऊपर दिए गए तरीकों के प्रयोग करके आप एसआईपी में निवेश करना प्रारंभ कर सकते हैं एसआईपी में निवेश करना बहुत ही आसान है। आपको इसके लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है जिसका तरीका हमने आपको बता दिया है।
(1) SIP को अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प के तौर पर देखा जाता है क्योंकि एसआईपी स्कीम में निवेश करने के पश्चात आपको यह मालूम रहता है कि आपको एक नियमित अंतराल के पश्चात कितने रुपए निवेश करने रहते हैं. इसलिए आप हर महीने जो रकम बचत करते हैं वही आप एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं।
(2) SIP के जरिए आप अपनी रकम को कभी भी निकलवा सकते हैं लेकिन यदि आप उसी रकम को लंबे समय तक रखते हैं तो आपको उससे अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होता है।
(3) लंबे समय तक रखी राशि से आपको जो रिटर्न्स प्राप्त होते हैं रिटर्न्स को आप दोबारा से निवेश करते हैं आपको कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है।
(4) SIP में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा आपको टैक्स का है क्योंकि यदि हम शेयर मार्केट या अन्य किसी भी स्कीम में पैसा लगाते हैं तो वहां पर हमें सरकार द्वारा निर्धारित एक टैक्स का भुगतान करना पड़ता है लेकिन एसआईपी स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं है हम अपने ऐसे को जमा करें या निकलवाए हमें किसी भी तरीके का कोई टैक्स देना नहीं पड़ता है।
(5) मार्केट में उछाल और गिरावट का दौर तो सदैव से चलता रहा है यदि हम शेयर मार्केट में अपने पैसों का निवेश करते हैं तो हमें बहुत रिस्क रहता है। लेकिन यदि हम एसआईपी में निवेश करते हैं तो गिरावट के समय हमें अधिक यूनिट अलॉट कर दिए जाते हैं और जब मार्केट में उछाल आता है तो कम यूनिट्स अलॉट कर दिए जाते हैं जिससे हमें नुकसान होने का रिस्क बहुत कम रहता है।
एक तरफ SIP के फायदे हैं तो दूसरी तरफ इसके कुछ नुकसान भी हैं इसके बारे में हमें जानना आवश्यक है…….
(1) कभी-कभी हमारे पास हमारी आय का नियमित पैसा नहीं हो पाता है जिस वजह से हम एक सही एसआईपी में निवेश नहीं कर पाते हैं।
(2) कभी-कभी मार्केट में उछाल आ जाता है जिस वजह से कम रिटर्न्स मिलने की संभावना बढ़ जाती है हमें नुकसान झेलना पड़ सकता है।
(3) हमें SIP प्लान के मध्य अंतराल में इकठा भुगतान करना पड़ता है जो कि कभी कभी आम आदमी के लिए मुश्किल हो जाता है।
(4) यदि कभी एसआईपी का स्तर गिर जाता है वहां पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
(5) मार्केट में उछाल या गिराव तो चलता ही रहता है इस बीच आपके द्वारा लगाई गई बचत के रुपए कम भी हो सकते हैं या फिर शुन्य भी हो सकते हैं।
आशा करता हूं दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी हुई जानकारी अच्छे से समझ मे आ गई होगी इस लेख में हमने SIP के बारे में संपूर्ण जानकारी साझा की है।
एसआईपी में शुरुआत करने सबसे पहले आपको अपने उद्देश्यों का निर्धारण करना आवश्यक है जब तक आप अपने उद्देश्य का निर्धारण नहीं करेंगे आप किसी भी कार्य को पूर्ण नहीं कर पाएंगे, उसके बाद आपको अपने निवेश की अवधि का निर्धारण भी करना होगा आप एक बार निवेश की अवधि का निर्धारण कर लेते हैं उसके बाद आपको अपने सभी डाक्यूमेंट् तैयार करने होंगे जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक की डिटेल यह सभी आप फंड हाउस पर सबमिट कर कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं उसके बाद आप निवेश करना प्रारंभ कर सकते हैं. निवेश करने से पहले एक अच्छे फंड का चुनाव करना भी आवश्यक है।
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