धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download

पैसे के साथ अच्छा करना जरूरी नहीं है कि आप क्या जानते हैं। यह इस बारे में है कि आप कैसे व्यवहार करते हैं। और व्यवहार को सिखाना कठिन है, यहाँ तक कि वास्तव में चतुर लोगों के लिए भी।पैसे का प्रबंधन कैसे करें, इसे कैसे निवेश करें, और व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए आमतौर पर बहुत सारी गणितीय गणनाओं को शामिल करने के लिए माना जाता है, जहां डेटा और सूत्र हमें बताते हैं कि वास्तव में क्या करना है। लेकिन वास्तविक दुनिया में, लोग स्प्रैडशीट पर वित्तीय निर्णय नहीं लेते हैं। वे उन्हें खाने की मेज पर, या एक बैठक कक्ष में बनाते हैं, जहां व्यक्तिगत इतिहास, दुनिया के बारे में आपका अनूठा दृष्टिकोण, अहंकार, गर्व, विपणन, और अजीब प्रोत्साहन एक साथ हाथापाई कर रहे हैं।Dhan Sampatti Ka Manovigyan Pdf द साइकोलॉजी ऑफ मनी में, लेखक ने पैसे के बारे में लोगों के सोचने के अजीब तरीकों की खोज करते हुए 19 लघु कथाएँ साझा कीं और आपको सिखाया कि जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक को बेहतर तरीके से कैसे समझा जाए।"
DownloadTELEGRAM
4.3/5 Votes: 8,534
Author
Morgan Housel
Size
2.15 MB
Pages
194
Language
Hindi

Report this Book

Description

 धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link ,

All PDF Books Download Free and Read Online, धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download PDF , धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download Summary & Review. You can also Download such more Books Free -

Description of धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download

Name : धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download
Author : Invalid post terms ID.
Size :   MB
Pages :
Category : Money & Investment, Psychological
Language : Hindi
Download Link: Working

पैसे के साथ अच्छा करना जरूरी नहीं है कि आप क्या जानते हैं। यह इस बारे में है कि आप कैसे व्यवहार करते हैं। और व्यवहार को सिखाना कठिन है, यहाँ तक कि वास्तव में चतुर लोगों के लिए भी।

पैसे का प्रबंधन कैसे करें, इसे कैसे निवेश करें, और व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए आमतौर पर बहुत सारी गणितीय गणनाओं को शामिल करने के लिए माना जाता है, जहां डेटा और सूत्र हमें बताते हैं कि वास्तव में क्या करना है। लेकिन वास्तविक दुनिया में, लोग स्प्रैडशीट पर वित्तीय निर्णय नहीं लेते हैं। वे उन्हें खाने की मेज पर, या एक बैठक कक्ष में बनाते हैं, जहां व्यक्तिगत इतिहास, दुनिया के बारे में आपका अनूठा दृष्टिकोण, अहंकार, गर्व, विपणन, और अजीब प्रोत्साहन एक साथ हाथापाई कर रहे हैं।

Dhan Sampatti Ka Manovigyan Pdf द साइकोलॉजी ऑफ मनी में, लेखक ने पैसे के बारे में लोगों के सोचने के अजीब तरीकों की खोज करते हुए 19 लघु कथाएँ साझा कीं और आपको सिखाया कि जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक को बेहतर तरीके से कैसे समझा जाए।”

 

Summary of book धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download

मैं आपको एक समस्या के बारे में बताना चाहूँगा। इसे जानकर आप अपने पैसों के साथ क्या करते हैं इस बारे में बेहतर महसूस करेंगे, और दूसरे अपने पैसों के साथ क्या करते हैं इस बारे में कम आलोचनात्मक।
लोग पैसों के साथ कुछ मूर्खतापूर्ण हरकतें करते ज़रूर हैं, लेकिन कोई भी मूर्ख नहीं है।
बात असल में यह है: अलग अलग पीढि़यों के लोग, जिनका पालन पोषण करने वाले माता पिता की आय अलग है, जीवन मूल्य अलग हैं, जो विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग अर्थव्यवस्था में जन्मे, जिन्होंने अलग अलग जॉब मार्केट में विविध प्रकार के प्रोत्साहन और भाग्य का अनुभव किया, वे एक दूसरे से बहुत अलग पाठ सीखते हैं।
दुनिया कैसे चलती है, इस बारे में हर किसी का अपना ही अनुभव होता है। और जो आपने अनुभव किया है, वह कहीं अधिक प्रभावशाली है उसके मुक़ाबले जो आप किसी और से सुनते या सीखते हैं। इसलिये हम सब-आप, मैं, और हर व्यक्ति-धन-दौलत कैसे काम करती है, इससे संबंधी अपने मूल्यों के सहारे अपना जीवन गुज़ारते हैं, और अलग अलग लोगों के लिये इन मूल्यों में ज़मीन आसमान का फ़र्क हो सकता है। जो आपको मूर्खतापूर्ण लगे वह मेरे लिये मायने रख सकता है।
जो व्यक्ति ग़रीबी में पला बढ़ा वह जोखिम और प्रतिफल के बारे में जैसे सोचता है, एक समृद्ध बैंकर की संतान चाहे भी तो वैसे न सोच पाये।

एक व्यक्ति जो ऐसे समय में पला बढ़ा जब मुद्रास्फ़ीति की दर अधिक थी, उसने वह अनुभव किया जो उस व्यक्ति को नहीं करना पड़ा जो स्थिर कीमतों के बीच पला बढ़ा।
एक स्टॉक ब्रोकर जिसने महामंदी में अपना सब कुछ गँवा दिया, उसने जो अनुभव किया, 1990 के दशक के वैभव में काम करने वाला एक तकनीकी कर्मचारी उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता।


एक ऑस्ट्रेलियन जिसने 30 वर्षों में कोई आर्थिक मंदी नहीं देखी, उसने कुछ ऐसा अनुभव किया है जो किसी अमरीकी नागरिक ने कभी नहीं किया।
बस इतना ही नहीं। अनुभवों की यह सूची असंख्य है।
आप धन-दौलत के बारे में कुछ ऐसा जानते हैं जो मैं नहीं जानता, और इसका विपरीत भी उतना ही सच है। जिन धारणाओं, उद्देश्यों, पूर्वानुमानों के साथ आप अपना जीवन जीते हैं, वह मुझसे अलग हो सकता है। ऐसा इसलिये नहीं है कि हममें से एक दूसरे से अधिक होशियार है या अधिक जानकारी रखता है। ऐसा इसलिये है कि हमारे जीवन अलग हैं, जो हमारे विविध और बराबरी के ठोस अनुभवों से रचे हैं।
धन के साथ आपके व्यक्तिगत अनुभव, संसार में क्या हुआ, शायद उसका 0.00000001% मात्र हैं, लेकिन आपके विचारानुसार संसार कैसे चलता है, उसका 80% हैं। इसलिये समान रूप से होशियार लोग इस बात पर बहस कर सकते हैं कि मंदी कैसे और क्यूँ होती है, आपको निवेश कैसे करना चाहिये, आपको किसे प्राथमिकता देनी चाहिये, कितना जोखिम उठाना चाहिये आदि।

1930 के अमरीका पराखी अपनी किताब में फ़्रेडरिक लुईस ऐलन ने लिखा कि महामंदी ने “लाखों अमरीकियों को उनके शेष जीवनकाल के लिये अंदरूनी तौर पर प्रभावित किया है”। लेकिन अनुभवों में काफ़ी विभिन्नता थी। 25 वर्ष बाद जब जॉन एफ़ केनेडी राष्ट्रपति चुनाव लड रहे थे, एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि उन्हें महामंदी के बारे में क्या याद है। उन्होंने टिप्पणी की:
मुझे महामंदी के बारे में कोई प्रत्यक्ष जानकारी नहीं। मेरा परिवार दुनिया के सबसे धनी परिवारों में से एक था और यह उस समय काफ़ी था। हमारे पास बड़े घर, नौकर-चाकर थे, और हम बहुत घूमा फ़िरा करते थे। जो चीज़ मैंने प्रत्यक्ष रूप से देखी वह बस  थी कि मेरे पिता ने कुछ और मालियों को सिर्फ़ इसलिये काम पर रखा कि उन्हें नौकरी मिल जाये जिससे वे अपना पेट भर सकें। मुझे महामंदी के बारे में कुछ पता नहीं था जब तक मैंने हार्वर्ड में इसके बारें में नहीं पढ़ा।
यह 1960 के चुनाव का एक मुख्य मुद्दा था। लोगों को लगा कि कैसे कोई ऐसा व्यक्ति अर्थव्यवस्था की बागड़ोर संभाल सकता था जिसे पिछली पीढ़ी के सबसे बड़े आर्थिक वृत्तांत की कोई जानकारी ही नहीं थी? इसका क्षतिपूरण काफ़ी हद तक जे एफ़ के के द्वितीय विश्व युद्ध के अनुभव के द्वारा हो गया। यह पिछली पीढ़ी में व्यापक एक दूसरा भावनात्मक अनुभव था, जो उनके मुख्य प्रतिद्वंदी, हुबर्ट हम्फरे के पास नहीं था।
हमारे सामने चुनौती यह है कि अध्य्यन या ग्रहणशीलता की कोई भी मात्रा, भय और अनिश्चितता की शक्ति को उत्पन्न नहीं कर सकते

मैं इस बारे में पढ़ सकता हूँ कि महामंदी में अपना सब कुछ गँवा देना कैसा रहा होगा। लेकिन मेरे मन में उन लोगों की तरह भावनात्मक घाव नहीं हैं जिन्होंने वास्तव में यह अनुभव किया। और कोई ऐसा व्यक्ति जिसने यह सब अनुभव किया यह नहीं समझ सकता कि मेरे जैसा व्यक्ति स्टॉक्स ख़रीद कर रखने जैसे विषयों में असावधान कैसे हो सकता है। हम दुनिया को बिल्कुल अलग नज़रिये से देखते हैं।


स्प्रेडशीट बड़ी स्टॉक मार्केट गिरावटों की ऐतिहासिक आवृत्ति का मॉडल पेश कर सकती हैं। लेकिन स्प्रेडशीट उस भावना का मॉडल पेश नहीं कर सकती, जो आप घर पहुँच कर अपने बच्चों की ओर देखकर सोचते हुए अनुभव करेंगे, कि आपने ऐसी गलती की है जिससे उनका जीवन प्रभावित हो सकता है। इतिहास पढ़ने से आपको यह ज़रूर लगता है कि आप कुछ जानते हैं, लेकिन जब तक आपने उसे जिया न हो, और उसके नतीजों को व्यक्तिगत तौर पर महसूस न किया हो, आप उसे इतना नहीं समझ पायेंगे जिससे आपके व्यवहार में बदलाव आ सके।
हम सब को लगता है कि हम जानते हैं कि दुनिया कैसे चलती है। लेकिन हम सबने इसके एक तिनके मात्र का ही अनुभव किया है।
जैसा कि निवेशक बैटनिक कहते हैं, “कुछ सबक ऐसे होते हैं जिन्हें समझने से पहले हमें उनका अनुभव करना आवश्यक है।” और हम सब, किसी न किसी तरह, इस सच के शिकार हैं।

2006 में नेश्नल ब्यूरो ऑफ़ इक्नॉमिक रिसर्च के अर्थशास्त्री अलराइक मैल्मैंडियर और स्टीफ़न नेगल ने सर्वे ऑफ़ कंज़्यूमर फ़ाइनैंसेज़ के 50 वर्ष के कार्य का अध्ययन किया, जिसमें अमरीकी लोग अपने पैसे के साथ क्या करते हैं, इस विषय पर विस्तृत जानकारी थी।4
परिकल्पना के अनुसार लोगों को अपने निवेश संबंधी निर्णय अपने लक्ष्यों और उस समय में उपलब्ध निवेश विकल्पों के अनुसार लेने चाहिये।
लेकिन लोग ऐसा करते नहीं।
अर्थशास्त्रियों ने पाया कि लोगों के जीवन भर के निवेश निर्णय उनके उन अनुभवों से दृढ़तापूर्वक जुड़े होते हैं जो उन्होंने अपने जीवनकाल में देखे-मुख्यतः शुरुआती वयस्कता में।
अगर आप ऐसे समय में बड़े हुए जब मुद्रास्फ़ीति की दर अधिक थी, तो आपने आगे जाकर अपना पैसा बॉन्ड में कम निवेश किया, उनके मुकाबले जो कम मुद्रास्फ़ीति के समय में पले बढ़े। यदि आप ऐसे समय में पले बढ़े जब स्टॉक मार्केट मज़बूत था तो आपने आगे जाकर अपना पैसा बॉन्ड में अधिक निवेश किया, उनके मुकाबले जो स्टॉक मार्केट कमज़ोर होने के समय में पले बढ़े।

विविध दृष्टिकोण के साथ अपना जीवन गुज़ारते हैं।

We have given below the link of Google Drive to download in धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download Free, from where you can easily save PDF in your mobile and computer. You will not have to pay any charge to download it. This book is in good quality PDF so that you won't have any problems reading it. Hope you'll like our effort and you'll definitely share the धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download with your family and friends. Also, do comment and tell how did you like this book? 

Q. Who is the author of the book धन संपत्ति का मनोविज्ञान | The Psychology of Money Hindi PDF Download?
Answer.

 

Download

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *