जैक्सनविले नगर में सैंट जोन्स नदी के किनारे एक बढ़िया मधुशाला में दो व्यक्ति आमने सामने बैठे बातें करने में व्यस्त थे। शराबखाने में प्रकाश बस नाममात्र का था। इन ग्राहकों के अतिरिक्त पूरी मधुशाला में बस एक व्यक्ति और था और वह था मधुशाला का बूढ़ा बैरा वरना सारी मधुशाला सुनसान पड़ी थी।
बाईं ओर बैठा व्यक्ति था ‘एड हडन’ जो संसार की बहुमूल्य चित्रकलाओं व मूर्तियों के चोरों का सम्राट था और जाहिर है कि सम्राट वह अपनी निपुणता और योग्यताओं के आधार पर बन सका था। पर लोग उसे एक ऐसे धनी व्यापारी के रूप में जानते थे जिसने उकताहट के चलते व्यापार से संन्यास ले लिया था और जो अब अपने कमाए हुए असीम धन से वैभव का जीवन व्यतीत कर रहा था। पैरिस, लंदन और इसके अतिरिक्त दक्षिणी फ्रांस में उसके कई एक निजी मकान थे और वह समय-समय पर उन सभी स्थानों पर बदल-बदलकर रहता था। निपुण चोरों के गिरोह में बड़ी से बड़ी चोरी की योजना बनाकर उसे पूरी कर देना उसके बाएं हाथ का खेल था।
लम्बे, चौड़े और भूरे बालों वाले इस सुन्दर व्यक्ति को अक्सर लोग कोई बड़ा नेता या कोई बड़ा सरकारी अधिकारी समझ बैठते थे, पर किसे मालूम था कि इस आकर्षक चेहरे व शरीर का
मालिक संसार का माना हुआ चित्रकलाओं व अन्य प्राचीन बहुमूल्य वस्तुओं का चोर है।
दाईं ओर बैठे हुए व्यक्ति का नाम ‘लू ब्राडी’ था और हडन के समान चित्राकलाओं के चोरों के……
James Hadley Chase