मेरे लिए नामुमकिन साबित हो रहा था ।
जब मैं अगले मोड के करीब पहुंचा तो मैंने सड़क के बीचों-बीच दो आदमियों को भीगते खड] पाया। उन्होंने रबड़ के काले कोट पहन रखे थे और उनके हाथों में थमी लालटेनों में से पानी से गीले कोट चमक रहे थे।
मैंने उनके करीब पहुंचकर कार रोकी। एक मेरे नजदीक आया।
‘हैलो मिस्टर थर्सटन ।’ वह बोला- उसके हैट के किनारे से पानी टपक- टपककर मेरी आस्तान पर गिर रहा था- ‘थ्री प्वाइंट्स की ओर जा रहे हो ?’ उसने पूछा ।
मैंने उसे पहचान लिया- ‘हैलो टॉम ।’ मैं बोला- ‘क्या मैं आगे जा सकता हूं?’
‘मैं यह तो नहीं कह सकता कि आप पहुंच नहीं सकेंगे।’ हवा और बारिश की वजह से उसका चेहरा छिले गोश्त जैसा लग रहा था – ‘लेकिन हालात बहुत खराब हैं। बेहतर होगा कि आप वापस ही लौट जाएं, तो अच्छा है।’
मैंने इंजन चालू किया— ‘मैं रिस्क लेकर देखता हूं। वैसे सडक तो खुली है न?’ James Hadley Chase