इश्क़ में शहर होना | Ishq me Shahar hona

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0 comments on "इश्क़ में शहर होना | Ishq me Shahar hona"

  1. RISHIKESH BHARTI says:

    अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो ये किताब आपको इश्क को बेहतर समझने में मदद करती है।

    रवीश ने जो इसमें लिखा है वह शहर में पैर जमा रहे (या कई अड़चनों के बीच जमा चुके) उस युवा के शब्द है जिसके साथ उसकी प्रेमिका या प्रेम की अनुभूति है।

    समाज प्रेमियों के लिए कैसे बाधा बनता है और शहर में प्यार करने की जगह कैसे कम होती जा रही है, किताब इन मुद्दों को भी काफी सादगी से उठती है।

    ‘इश्क में सिर्फ देखना ही नहीं होता. अनदेखा करना भी होता है.’

    रविश कुमार की यह लघु प्रेम कथा सभी को पढ़नी चाहिए।

  2. Lokesh prajapati says:

    I can’t download book from your site. Please make an easy link to direct download.

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