क्रांति / Kranti Book PDF Download

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Author
Acharya Prashant
Size
0.8 MB
Pages
108
Language
Hindi

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Name क्रांति / Kranti Book PDF Download
Author 
Size 0.8 MB
Pages 108
Category Motivational
Language Hindi
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भगत सिंह ने पूरे देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया क्योंकि अकेले-अकेले आज़ादी तो वैसे भी नहीं मिलने की। ये वास्तव में कोई सामाजिक या राजनैतिक पहल नहीं थी। ये किसी बर्बर, विदेशी शासन के प्रति आक्रोश या क्रांति मात्र नहीं था। मूलतः ये आध्यात्मिक मुक्ति का अभियान था। एक ऐसी मुक्ति जिसमें तुम कहते हो – “मेरे शरीर की बहुत कीमत नहीं है। बाईस-तेईस साल का हूँ, फाँसी चढ़ जाऊँ, क्या फर्क पड़ता है? शरीर के साथ मेरा तादात्म्य वैसे भी नहीं है। मैंने तो अब पहचान बना ली है बहुत बड़ी सत्ता के साथ।” भगत सिंह के जीवन में वो बहुत बड़ी सत्ता थी – भारत देश। दुनियाभर के तमाम साहित्य का अध्ययन किया था उन्होंने, खासतौर पर समकालीन क्रांतिकारी साहित्य का। समाजवाद, साम्यवाद—इनकी तरफ झुकाव था उनका। खूब जानते थे, समझते थे। किसी बहके हुए युवा की नारेबाज़ी नहीं थी भगत सिंह की क्रांति में; गहरा बोध था। और वो बोध, मैं कह रहा हूँ, मूलतः आध्यात्मिक ही था। |

 

Summary of book क्रांति / Kranti Book PDF Download


प्रश्नकर्ता: आचार्य जी, कल तेईस मार्च भारत में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, इनको फाँसी इस दिन मिली थी। तब भगत सिंह मात्र तेईस वर्ष के थे। तो युवाओं को इनसे क्या प्रेरणा लेनी चाहिए अपने जीवन में? आप कृपया मार्गदर्शन करें।
आचार्य प्रशांत: अब यहाँ जितने लोग बैठे हैं, उसमें से कम-से-कम आधे तो हैं हीं युवा वर्ग से। तो ये जो प्रश्नों का, सवालों का, समस्याओं का गठ्ठर मेरे सामने आया है, इसमें से भी आधी या आधी से ज्यादा समस्याएँ युवाओं की ही हैं। और युवा माने क्या? बीस से पैंतीस, या बहुत विस्तृत करके बोलोगे तो पंद्रह से चालीस। आदमी की कुल उम्र का एक बहुत छोटा-सा अंश- तीसरा हिस्सा, चौथा हिस्सा, पाँचवा हिस्सा। तो युवावस्था में समय बिताते हो अपनी कुल उम्र का एक चौथाई या उससे भी कम, लेकिन समस्याएँ आ रही हैं आधी।
देख रहे हो, हो क्या रहा है?

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