Uncategorized वन नाइट @ द कॉल सेंटर | One Night @ The Call Centre by Chetan Bhagat Download Free PDF

वन नाइट @ द कॉल सेंटर | One Night @ The Call Centre by Chetan Bhagat Download Free PDF

वन नाइट @ द कॉल सेंटर | One Night @ The Call Centre by Chetan Bhagat Download Free PDF
Pages
Category Uncategorized Uncategorized
Report

4.5 Rating (839) Votes

Report

[wpdm_package id=’672′]

कानपुर से दिल्ली ट्रेन में रात का सफर मेरी जिंदगी का सबसे यादगार सफर था| पहला इसलिए कि इसने मुझे मेरी दूसरी किताब दी। और दूसरा इसलिए कि यह रोज-रोज नहीं होता है कि आप एक खाली कंपार्टमेंट में बैठे हों और एक खूबसूरत जवान लड़की अंदर आ जाती हो।
हाँ, आप इसे बस फिल्मों में देखते हैं। आप इसके बारे में अपने दोस्तों के दोस्तों से सुनते हैं, पर यह कभी आपके साथ नहीं होता। जब मैं जवान था, मैं अपनी ट्रेन की बोगी के बाहर लगे रिजर्वेशन चार्ट को महिला यात्रियों को चेक करने के लिए देखा करता| ( F— 17 से F—25) तक ही मैं ज्यादातर देखा करता) हालाँकि ऐसा कभी नहीं हुआ। अधिकतर मामलों में मैंने अपना
कंपार्टमेंट बातूनी आंटियों के साथ, खर्राटे भरते लोगों के साथ और रोते हुए बच्चों के साथ बाँटा
है।
पर यह रात अलग थी। पहला मेरा कंपार्टमेंट खाली था। रेलवे ने इस गरमी में यह ट्रेन हाल ही में शुरू की थी, और कोई इसके बारे में जानता नहीं था। दूसरा, मैं सोने में असमर्थ था।
मैं कुछ काम से आई.आई.टी., कानपुर गया था। वहाँ से निकलने से पहले विद्यार्थियों से बतियाते हुए कैंटीन में मैंने चार कप कॉफी पी थी। बुरी बात है, जबकि यह पता था कि मुझे एक खाली कंपार्टमेंट में बिना सोए आठ बोरिंग घंटे बिताने होंगे। मेरे पास पढ़ने के लिए कोई किताब या मैगजीन नहीं थी। अँधेरे में खिड़की के बाहर मैं मुश्किल से ही कुछ देख सकता था। मैंने अपने आपको एक शांत और नीरस रात के लिए तैयार कर लिया। पर यह कुछ और निकला।
ट्रेन के स्टेशन से छूटने के पाँच मिनट बाद वह अंदर आई। उसने मेरे कंपार्टमेंट का परदा खोला और बहुत उलझन में दिखाई दी।
“क्या कोच A4 सीट 63 यहाँ पर है?” उसने कहा।

Recommended for you

There are no comments yet, but you can be the one to add the very first comment!

Leave a comment