सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download Free in this Post from Google Drive Link and Telegram Link , No tags for this post. All PDF Books Download Free and Read Online, सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download PDF , सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download Summary & Review. You can also Download such more Books Free - Hindi Kahaniya Books PDF DownloadHindi PDF Books DownloadHindi Stories Book PDF Downloadhindi stories books PDF free downloadSajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download
Description of सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download
Name | सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download |
Author | Invalid post terms ID. |
Size | 1.5 MB |
Pages | 123 |
Category | Stories |
Language | Hindi |
Download Link | Working |
प्रेमचंद की कहानियां हिंदीभाषी क्षेत्रें में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं। इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी उन की चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं।
इसी संदर्भ में प्रस्तुत है समाज और शासनतंत्र में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करती कहानियों का संग्रह – ‘सज्जनता का दंड’- सरकारी तंत्र में व्याप्त रिश्वत या नजराना ‘विषम समस्या’ के ईमानदार चपरासी गरीब को भी फर्ज के प्रति बेईमान बना देता है वहीं सरदार शिव सिंह जैसा ईमानदार इंजीनियर है जो इस कुचक्र में नहीं फंसता। उस की ईमानदारी के इनाम स्वरूप उस का तबादला दूरदराज के इलाके में हो जाता है और रुपयों के अभाव में उसे बेटी का विवाह टूट जाने जैसे दंश भी झेलने पड़ते हैं।
ऐसी ही अनेक समस्याओं को उजागर करता उत्कृष्ट कहानी संग्रह जिसे आप अवश्य पढ़ना चाहेंगे।
Summary of book सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download
सज्जनता का दंड
साधारण मनुष्य की तरह शाहजहांपुर के डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर सरदार शिव सिंह में भी भलाइयां और बुराइयां दोनों ही वर्तमान थीं. भलाई यह थी कि उन के यहां न्याय और दया में कोई अंतर न था. बुराई यह थी कि वह सर्वथा निर्लोभ और निःस्वार्थ थे. भलाई ने मातहतों को निडर और आलसी बना दिया था, बुराई के कारण उस विभाग के सभी अधिकारी उन की जान के दुश्मन बन गए थे.
प्रातःकाल का समय था. वह किसी पुल की निगरानी के लिए तैयार खड़े थे. मगर साईस अभी तक मीठी नींद ले रहा था. रात को उसे अच्छी तरह सहेज दिया था कि पौ फटने के पहले गाड़ी तैयार कर लेना. लेकिन सुबह भी हुई, सूर्य भगवान ने दर्शन भी दिए, शीतल किरणों में गरमी भी आई, पर साईस की नींद अभी तक नहीं टूटी.
सरदार साहब खड़ेखड़े थक कर एक कुरसी पर बैठ गए. साईस तो किसी तरह जागा, परंतु चपरासियों का पता नहीं. जो महाशय डाक लेने गए थे वह एक ठाकुरद्वारा में खड़े चरणामृत की परीक्षा कर रहे थे. जो ठेकेदार को बुलाने गए थे वह बाबा रामदास की सेवा में बैठे गांजे का दम लगा रहे थे.
धूप तेज होती जाती थी. सरदार साहब झुंझला कर मकान में चले गए और अपनी पत्नी से बोले, ‘इतना दिन चढ़ आया, अभी तक एक चपरासी का भी पता नहीं. इन के मारे तो मेरे नाक में दम आ गया है.’
पत्नी ने दीवार की ओर देख कर कहा, ‘यह सब उन्हें सिर चढ़ाने का फल है.’………………
सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download link is given below
We have given below the link of Google Drive to download in सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download Free, from where you can easily save PDF in your mobile and computer. You will not have to pay any charge to download it. This book is in good quality PDF so that you won't have any problems reading it. Hope you'll like our effort and you'll definitely share the सज्जनता का दंड / Sajjanata Ka Dand Hindi Book PDF Download with your family and friends. Also, do comment and tell how did you like this book?
Please🙏🥺 upload
भारत : अध्यात्म , दर्शन , राष्ट्र
by Acharya Prashant
On the Occassion of 75th Republic Day
अनुपलब्ध