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जिस समय वह कमरे में दाखिल हुआ, उसे देखकर ग्लोरी को लगा कि कुछ गड़बड़ी है।
उसने ठंडे व सपाट स्वर में उससे कहा, ‘हेलो बेबी’ और उसकी ओर देखे बिना अपना टाप कोट और हैट उतारा और उन्हें दीवान पर फेंककर आग के पास चला गया और बैठ गया। उसका चेहरा सख्त तथा पीला पड़ गया था और आंखों के उद्विग्न भाव से वह किसी अजनबी की तरह लग रहा था।
पिछले छः महीनों से साथ रहने के दौरान उसने कभी उसे इस रूप में नहीं देखा था और इस समय वह यही सोचने लगी थी कि वह उससे छुटकारा पाने को तैयार हो गया है।
कई हफ्तों से वह यह सोच रही थी कि यह सब आखिर कितने दिनों तक चलने वाला है। यह बात नहीं थी कि वह उससे उकता जाने के भाव दिखाने लगा था, लेकिन उसकी जिन्दगी का वह नौवां व्यक्ति था और उसे यकीन था कि देर-सबेर एक दिन वह भी उसे छोड़कर चलता बनेगा।
मर्द के साथ अपना सम्बन्ध बनाए रखने के लिए अब उसे बहुत कुछ सहना पड़ता था। अब वह बत्तीस साल की हो चुकी थी और उम्र के इस दौर में वह अपने सौंदर्य का बहुत कुछ आकर्षण खो चुकी थी। एक समय और वह समय अब उसे अतीत में कहीं बहुत दूर छूट गया, लगने लगा था, उसने 1947 की मिस अमरीका प्रतियोगिता में दूसरा इनाम जीता था और जैसा कि इस समय वह बखूबी समझ रही थी, अगर पहला ईनाम पाने वाली लड़की की तरह उसने भी उन दो जजों के सामने सही पत्ते फेंके होते, तो वह पहला इनाम जीतने की हकदार होती।
उसका आवश्यक रक्रीन-टेस्ट लिया गया था और सौली लॉबेनस्टेन के निर्देशन में उसने दूसरे दर्जे की एकाध फिल्मों में काम भी किया था। शायद वह सौली के सामने हद से ज्यादा…..