Vikramovarshi (sanskrit classics) / विक्रमोर्वशी (संस्कृत क्लाससिक्स) Book PDF Download

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कविकुल गुरू कालिदास ने जहाँ संस्कृत साहित्य में उच्चकोटि के महाकाव्यों और खंडकाव्यों की रचना की, वहीं उत्कृष्ट नाटकों का भी सृजन किया । विक्रमोर्वशी तथा मालविकाग्निमित्र उनके लोकप्रिय नाटक हैं । दोनों ही नाटकों में नायक का नायिका से अकस्मात मिलन, संयोग, वियोग और अंत में पुनर्मिलन होता है । यह कालिदास की ही विशेषता है कि नायक नायिका के सुख-दुख में जड़-प्रकृति भी मुखरित हो उठती है ।

 

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‘कुमारसम्भव’ और ‘मेघदूत’ काव्य कालिदास के यश को अमर रखने के लिए पर्याप्त हैं। संस्कृत में ऐसे कवि कम हैं जिनकी इतनी प्रौढ़ रचनाओं की संख्या एक से अधिक हो। भवभूति के लिखे तीन नाटक तो प्राप्त होते हैं, किन्तु उसने महाकाव्य लिखने का प्रयत्न नहीं किया।
इतने बड़े साहित्य का सृजन करने वाले इस कवि-शिरोमणि ने अपने सम्बन्ध में कहीं भी
कुछ भी नहीं लिखा। यह कवि की अत्यधिक विनम्रता का ही सूचक माना जा सकता है। अन्य
कई संस्कृत कवियों ने अपनी रचनाओं में अपने नाम के साथ-साथ अपने माता-पिता के नाम
तथा जन्मस्थान का उल्लेख किया है; परन्तु कालिदास ने केवल अपने नाटकों के प्रारम्भ में तो
यह बतला दिया है कि ये नाटक कालिदास रचित हैं, अन्यथा और कहीं उन्होंने अपना संकेत तक
नहीं दिया। रघुवंश के प्रारम्भ में उन्होंने यह अवश्य लिखा है कि “मैं रघुओं के वंश का बखान
करूँगा।” परन्तु यह ‘मैं’ कौन है, इसका उल्लेख रघुवंश के श्लोकों में नहीं है। वहाँ भी जहाँ
कालिदास ने उत्तमपुरुष, एक वचन में अपना उल्लेख करते हुए यह लिखा है कि “मैं रघुओं के
वंश का बखान करूँगा”, वहाँ अतिशय विनय से काम लिया है। न केवल उन्होंने अपने-आपको
‘तनुवाग्विभव’ कहा है, अपितु यह भी कहा है कि “मेरी स्थिति उस बौने के समान है, जो ऊँचाई
पर लटके फल को लेने के लिए हाथ बढ़ा रहा हो” और यह कि “मेरा प्रयत्न छोटी-सी नाव से
सागर को पार करने के यत्न जैसा है”; और अन्त में दूसरे प्राचीन कवियों का आभार स्वीकार
करते हुए कहा है कि “जैसे वज्र से मणि में छेद कर देने के बाद उसमें सुई से भी धागा पिरोया जा
सकता है, उसी प्रकार प्राचीन कवियों द्वारा रघु के वंश का वर्णन किए जा चुकने के बाद मैं भी…………………

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Name  Vikramovarshi (sanskrit classics) / विक्रमोर्वशी (संस्कृत क्लाससिक्स) Book PDF Download
Author  No tags for this post.
Category  Novels
Language  Hindi
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