पर्सनल फाइनेंस का हिंदी अर्थ होता है -व्यकिगत धन प्रबंधन! किसी व्यक्ति का पैसे के बारे मे उसकी समझ और बुद्धि को उस व्यक्ति का पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है!
आम भाषा में बात की जाए तो – पैसो को मैनेज करने के अलग -अलग तरीके को फाइनेंस की किताबी भाषा में पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है!
या फिर कहे की – व्यक्तिगत वित्त को बजट, निवेश, सेवानिवृती योजना और निवेश सहित किसी व्यक्ति या परिवार के लिए धन और वित्तीय निर्णयों के प्रबंधन के रूप में परिभाषित किया गया है!
पर्सनल फाइनेंस में हमारे जो भी फाइनेंसियल गोल हो उसको पूरा करने की प्लानिंग होती है गोल चाहे वो शॉट टर्म हो, एक या दो साल में कुछ भी खरीदना हो या लॉन्ग टर्म जैसे रिटायर्मेंट प्लानिंग या बच्चों की हायर एजुकेशन एवं शादी!
पर्सनल फाइनेंस हमारी आय (income ), व्यय (expense), जीवन यापन का खर्च, आपके गोल्स और इच्छाओ को आधार बना के एक ऐसा प्लान बनाना जो आपके गोल्स या सपने को पूरा करने मे मदद करे!
व्यक्तिगत वित्त महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी जीवनशैली सुरक्षा के प्रबंधन के चार बहुत ही महत्वपूर्ण चरणों से सम्बंधित है:
1. पैसा कमाना
2. पैसे की बचत
3. धन का निर्माण
4. संपत्ति की रक्षा करना!
बजट हर किसी को समझना जरुरी होता है जो पर्सनल फाइनेंस का ही हिस्सा है! बजट से इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि काम के लिए कितने पैसे रखने हैं या कितने पैसे जरुरी हैं! बजट में सभी तरह के इनकम खर्चे शामिल होते हैं!
इंश्योरेंस यानी बीमा भी हर उम्र के लोगों के लिए बहुत जरुरी है! चाहे लाइफ इंश्योरेंस हो, हेल्थ इंश्योरेंस हो, आजकल ये उतना ही जरुरी है जितना और कोई इन्वेस्टमेंट! क्योंकि ये ना सिर्फ आपके परिवार के लिए अहम है बल्कि आपके खुद के अनचाहे खर्चो से भी राहत दिलाता है! पर्सनल फाइनेंस में इंश्योरेंस का बहुत बड़ा योगदान है!
अपनी कमाई का एक हिस्सा हर किसी को बचाना चाहिए! बचे हुए पैसे का निवेश कैसे करना है, किस फंड में लगाना है, जिससे बेहतरीन रिटर्न मिल सके! ये सारी बातें जाननी जरुरी है!
व्यक्तिगत वित्तीय योजना या पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग आपके वांछित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने करने के लिए ‘अपना पैसा बनाना,अपने लिए अधिक पैसा कमाना ‘ और आपकी कमाई का अधिकतम उपयोग सुनश्चित करने की कुंजी है. व्यक्तिगत वित्तीय योजना कुछ और नहीं बल्कि अपनी वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी वर्तमान कमाई का प्रबंधन करने के लिए एक विशेष राशि का निवेश करने की योजना बनाना है!
चाहे हाई क्लास हो, मिडिल क्लास या फिर लोअर इनकम वाला, हर किसी को अपने वित्त का प्रबंधन करने में किसी न किसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है और हर कोई अपनी आकांक्षाओ को पूरा करने के लिए तरलता (पैसे ) की कमी महसूस करता है! इसलिए, आपकी आय के वर्तमान स्तर की परवाह किये बिना, व्यक्तिगत वित्तीय योजना सभी के लिए अनिवार्य क्यों है!
आपकी आय, उम्र और रोजगार की स्थिति के बावजूद, आपको कम से कम भोजन, कपडे, घर और स्वास्थ्य पर तब तक खर्च करने की आवश्यकता होगी जब तक आप रहते हैं इसलिए यह सुनिश्चित करना की आपको आवश्यक खर्चो का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक मात्रा में नकदी प्रवाह प्राप्त हो, अत्यंत महत्वपूर्ण है!
चुंकि निवेश व्यक्तिगत वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके सभी निवेश इस तरह से किए जा रहे हैं कि निवेश पर रिटर्न के रूप में आपको जो भविष्य में राशि प्राप्त होती है वह मुद्रास्फीति की दर के अनुसार होनी चाहिए, यानि महंगाई दर से ऊंचा रिटर्न मिले तभी वह निवेश आपके लिए फायदेमंद है!
कहा गया है कि जब सूरज चमक रहा हो तब बारिश के दिनों के लिए बचत करनी चाहिए यानी अच्छे दिन में ही मुश्किल वक्त के लिए बचाकर रख लेना चाहिए.!
सेवानिवृती के मामले में यह बेहद सटीक है आज की बचत आपको सेवानिवृती को सुरक्षित करने से आपको अपने जीवन को अपने अनुसार तरीके से जीने में मदद मिलेगी, बिना किसी पर निर्भर हुए, भले ही आप कमाई बंद कर दें!
युवाओं को भी पर्सनल फाइनेंस की जानकारी होना काफी जरुरी है, उनके मन में भी ये सवाल होता है कि पर्सनल फाइनेंस क्या होता है? इसका जबाब इसलिए जरुरी है क्योंकि यही सही समय होता है जब आप पैसे की अहमियत को समझ पाएं और सही निर्णय लें सकें! अकसर देखा जाता है कि युवा पैसे कमाना तो सीख लेते हैं, लेकिन पैसों को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाते! जिसकी वजह से अच्छी खासी कमाई कर लेने के बाबजूद महीने ख़तम होते -होते अकाउंट खाली हो जाता है और परेशानियां बढ़ने लगती है! पैसे आते तो हैं पर उतनी ही तेज़ी से ख़तम हो जाते हैं!
आपको इनकम का कितना हिस्सा किस काम के लिए संभाल कर रखना है ये जानना महत्वपूर्ण होता है! पर्सनल फाइनेंस क्या होता है? कितना खर्च करना है और कितना आने वाले समय में अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए कितना बचाना है ये ध्यान में रखना होता है!
कुछ अनचाहे और आपात कालीन खर्च किसी भी समय सामने आ सकते हैं, जिसके लिए खुद को तैयार रखना चाइये! मेडिकल बिल हो या कार रिपेरिंग के खर्चे जैसे कामो के लिए हर महीने आपको अपनी इनकम का कम से कम 15-20 फीसदी हिस्सा बचा के रखना चाहिए! अगर आपने ऐसा एक फंड बना लिया है तो हमेशा उसमें पैसे डालने चाहिए जिससे आपका फंड पूरी तरह लोडेड (loded) रहे!
Uncategorized
Uncategorized
Uncategorized
Uncategorized
Uncategorized
Uncategorized
Uncategorized
Yes
Nice book
Apsha
Good pdf book ortfolio