खाली घर का रहस्य (Sherlock Holmes ki Jasusi Kahaniya Online + PDF) : आर्थर कॉनन डायल

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Description

‘‘क्योंकि यहाँ से बहुत ही अच्छा दृश्य दिखाई पड़ता है। प्रिय वाटसन, थोड़ी सी तकलीफ उठाओ और इस खिड़की के पास आओ, पर इस बात का ध्यान रखो कि तुम बाहर न दिखाई पड़ो। अब अपने पुराने कमरे की तरफ देखो, बिलकुल परियों की कहानी की तरह लगेगा। हम देखेंगे कि तीन सालों की मेरी गैर-मौजूदगी ने मेरी तुमको चौंका देनेवाली शक्ति पूरी तरह से खो दी है क्या?’’

मैं धीरे से आगे सरक आया और जैसे ही मेरी आँखें अपनी उस जानी-पहचानी खिड़की पर पड़ी, मैंने एक गहरी साँस ली और आश्चर्य से चीख पड़ा। खिड़की खुली हुई थी और कमरे में एक तेज रोशनी जल रही थी। खिड़की के परदे पर एक व्यक्ति की आकृति की परछाईं दिख रही थी, जो कि कुरसी पर बैठा हुआ था। उसके सिर का संतुलन, कंधों की चौड़ाई और चेहरे के तीखेपन में कोई भी गलती नहीं थी। उसका चेहरा आधा झुका हुआ था, जिसका प्रभाव उस छाया पर पड़ रहा था। यह छाया ठीक वैसी ही थी, जैसी कि मेरे दादाजी फोटो फ्रेम में पसंद करते थे। यह होम्स की बिलकुल हू-ब-हू मूर्ति थी। मैं इतना आश्चर्यचकित था कि मैंने अपना हाथ अपने पीछे खड़े आदमी की तरफ बढ़ाकर अपना यकीन पक्का कर लिया। वे धीमे से हँसते हुए हिल रहे थे।

‘‘देखा?’’

मैंने जोर से कहा, ‘‘हे भगवान्! यह तो अद्भुत है।’’

होम्स ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उम्र मुझे न तो बुढ़ा सकेगी और न ही मेरी अनंत विविधताओं की परंपरा को बासी होने देगी।’’

मैंने उसकी आवाज में वही खुशी और गर्व महसूस किया, जो कि किसी कलाकार को अपनी रचना पर होता है।

‘‘यह वाकई मेरी ही तरह है न?’’

‘‘मैं इस बात को कसम खाकर कह सकता था कि यह तुम ही हो।’’

‘‘इसे बनाने का श्रेय ग्रीनोबल के मौंसीयर ऑस्कर म्युनियर को जाता है, जिन्होंने इसको बनाने में अपने कुछ दिन लगाए थे। यह मूर्ति मोम की है। बाकी सबकुछ मैंने आज दोपहर में बेकर स्ट्रीट पहुँचकर किया है।’’

‘‘पर, क्यों?’’

‘‘क्योंकि, प्रिय वाटसन! मेरे पास इस बात के पक्के कारण हैं कि मैं यह चाहता हूँ, जब भी मैं यहाँ न रहूँ तब कुछ लोग यह सोचें कि मैं यहीं हूँ।’’

‘‘तुम्हें लगता है कि तुम्हारे कमरों पर निगरानी रखी जाती है?’’

‘‘मैं जानता था कि वे निगरानी रख रहे हैं।’’

‘‘कौन लोग?’’

‘‘मेरे पुराने दुश्मन, वाटसन! वही गिरोह, जिसका नेता रेंचबाख झरने में डूबकर मर गया था। तुम्हें याद होगा कि केवल वही लोग जानते थे कि मैं जिंदा बच गया हूँ। उनको यह विश्वास होगा कि मैं कभी-न-कभी अपने कमरे में वापस लौटूँगा। उन्होंने लगातार निगरानी रखी और आज सुबह उन्होंने मुझे आते हुए देखा था।’’

‘‘तुम्हें कैसे पता चला?’’

‘‘जब मैंने अपनी खिड़की से बाहर झाँका तब मुझे उनका संतरी दिखाई पड़ा, जिसे मैं पहचानता था। वह कम घातक आदमी था। उसका नाम पार्कर है, उसका पेशा गला घोंटना है और इस काम को वह तार से बखूबी अंजाम देता है। मुझे उसकी कोई परवाह नहीं है। मुझे अधिक डर उस भयानक आदमी से है जो कि इसके पीछे है। वह आदमी मोरिआर्टी का पक्का मित्र है और यह वही आदमी है, जिसने ऊपर पहाड़ी से मुझ पर पत्थर बरसाए थे। यह आदमी लंदन का सबसे खतरनाक और चालाक अपराधी है। यही वह आदमी है, जो कि आज की रात मेरे पीछे पड़ा है, वाटसन। और यही वह आदमी है, जो कि इस बात से अनजान है कि हम उसके पीछे हैं।’’

मेरे साथी की योजनाएँ अब धीरे-धीरे खुद ही खुलती जा रही थीं। इसी सुविधाजनक एकांत जगह से देखनेवाले देखे जा रहे थे और रास्ता चलनेवालों पर ध्यान रखा जा रहा था। उधर से आती हुई एक पतली सी छाया हमें लुभा रही थी और हम इसके शिकारी थे। हम अँधेरे में चुपचाप खड़े थे और जल्दी-जल्दी आती-जाती आकृति, जो कि हमारे सामने से कई बार गुजरी, उसे हम ध्यान से देख रहे थे। होम्स बिलकुल ही शांत और स्थिर थे, पर मैं कह सकता हूँ कि वे बहुत ही सजग थे और उनकी आँखें हर आने-जाने वाले आदमी पर टिकी हुई थीं। आज की रात बहुत ही ठंडी थी और नीचे सड़क पर तेज हवा सीटी की आवाज के साथ बह रही थी। बहुत से लोग सड़क पर आ-जा रहे थे; उनमें से ज्यादातर ने कोट और गले में मफलर जैसी चीज पहन रखी थी। एक बार मुझे ऐसा लगा कि मैंने एक ही चेहरे को दो बार देखा है, खासतौर से उन दो आदमियों पर ध्यान दिया, जो कि हवा से बचने के लिए उस मकान के छोटे से बरामदे पर रुके थे। मैंने अपने साथी का ध्यान उन दोनों की ओर दिलाया, परंतु उसने बहुत ही कम अधीरता दिखाई और सड़क पर ध्यान से देखता रहा। उन्होंने कई बार अपने पैर बदले और दीवाल पर अपनी उँगलियाँ तबले की तरह थपथपाईं। मुझे ऐसा लग रहा था कि वह अब बेचैन हो रहा था, क्योंकि उनकी योजना उसकी उम्मीद के अनुसार नहीं काम कर रही थी। धीमे-धीमे जब रात आधी बीत गई और सड़क पर लोग भी आने-जाने बंद हो गए तब वे कमरे में बेचैन होकर इधर-उधर टहलने लगे। मैं उन्हें कुछ कहने ही वाला था कि तभी मैंने उस रोशनी वाली खिड़की की तरफ देखा और मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ। मैंने होम्स की बाँहें पकड़ीं और उन्हें उस ओर देखने का इशारा किया।

मैंने जोर से कहा, ‘‘वह परछाईं वहाँ से हट गई है। वहाँ कोई आकृति नहीं दिखाई पड़ रही है, बल्कि उसका पीछे का हिस्सा हमारी तरफ हो गया है। पिछले तीन साल वाकई उनके स्वभाव की कठोरता को कम नहीं कर पाए या यह उनके खुद की तुलना में उनकी कम बुद्धिमानीवाली सक्रियता की ही अधीरता थी।’’

होम्स बोले, ‘‘वाकई इसे हटा लिया गया है। वाटसन, मैं कितना बेवकूफ हूँ कि मैंने एक मूर्ति खड़ी कर दी और सोचा कि यूरोप के इतने खूँखार अपराधी इससे धोखा खा जाएँगे। हम इस कमरे में दो घंटे से हैं और मिसेज हडसन ने इस आकृति को आठ बार हटाया-बढ़ाया है, यानी हर चौथाई घंटे में एक बार। वह सामने से ऐसा करती रहीं, इसीलिए उनकी परछाईं नहीं पड़ीं।’’

होम्स ने एक ठंडी साँस खींची। अँधेरे कमरे की मद्धिम रोशनी में मैंने उनका सिर झुका हुआ देखा और उनकी पूरी मुद्रा में एक दृढ़ सजगता थी। बाहर सड़क बिलकुल सुनसान थी। वे दोनों आदमी शायद अभी भी उस मकान के छोटे से बरामदे में दुबके हुए थे, परंतु अब मैंने उनको नहीं देखा। चारों तरफ शांति और अँधेरा था, सामने के उस पीले परदे पर काली आकृति की छाया पड़ रही थी। तभी उस सुनसान चुप्पी में मैंने फुसफुसाने की महीन सी आवाज सुनी, जिसमें एक खास तरह की उत्तेजना थी। होम्स ने तुरंत ही मुझे कमरे के अँधेरे कोने की तरफ खींच लिया और मुझे चुप रहने की चेतावनी भी दी। उनकी जकड़ी हुई उँगलियों में एक कंपन था। हमारे सामने की सड़क बिलकुल सुनसान थी।

तभी अचानक मुझे कुछ ऐसा एहसास हुआ, जिसको उसकी तेज समझ ने पहले ही भाँप लिया था। एक धीमी सी पर रहस्यमयी आवाज मेरे कानों में पड़ी। यह आवाज बेकर स्ट्रीट की तरफ से नहीं आ रही थी, बल्कि उसी मकान के पीछे से आ रही थी, जहाँ हम छिपे हुए थे। एक दरवाजा खुला और फिर बंद हो गया। अगले ही पल गलियारे में पैरों की आवाज सुनाई पड़ी और इसकी प्रतिध्वनि खाली मकान में गूँज रही थी। होम्स दीवाल के पास दुबक गए और मैंने भी वही किया। मेरा हाथ रिवॉल्वर की मूठ पर कस गया। उस अँधेरे में झाँकते हुए मैंने एक आदमी की धुँधली सी आकृति देखी, जो कि खुले हुए दरवाजे के अँधेरे से भी अधिक काली थी। वह आदमी एक पल के लिए रुका और फिर आगे की तरफ रेंगता हुआ, हमारे मन में एक डर सा पैदा करता हुआ आगे की ओर बढ़ा। वह मुझसे केवल तीन गज की ही दूरी पर था और इसे वहाँ पर मेरी मौजूदगी का अंदाज भी नहीं था। मैंने उससे खुद को टकराने से बचा लिया। वह बिलकुल ही मेरे पास से गुजर गया और बिना आवाज किए ही उसने खिड़की का परदा आधा फुट ऊपर उठा दिया। जैसे ही वह उस खुली खिड़की के सामने बैठा और बाहर सड़क से उस गंदे शीशे से होकर आती धुँधली रोशनी उसके चेहरे पर पड़ी, जो कि बहुत कम भी नहीं थी।

वह आदमी काफी उत्तेजित दिख रहा था। उसकी आँखें दो तारों की तरह चमक रही थीं और उसका जबड़ा भिंचा हुआ था। वह आदमी एक अच्छी-खासी उम्र का था, उसकी नाक पतली, माथा ऊँचा और सिर आगे से गंजा एवं अधपकी बड़ी-बड़ी मूँछें थीं। उसने अपना हैट पीछे की तरफ कर रखा था और खुले ओवरकोट से उसकी कमीज बाहर की तरफ झाँक रही थी। उसका चेहरा रूखा व कठोर था और इसमें कई जगह गहरे कटे निशान थे। उसके हाथ में एक छड़ी जैसी चीज दिख रही थी, परंतु जैसे ही उसने इसे जमीन पर रखा एक धातु के टकराने की आवाज आई। फिर उसने अपने ओवरकोट की जेब से एक बड़े आकार की चीज निकाली और उनको आपस में जोड़ने में व्यस्त हो गया। एक तेज क्लिक की आवाज के साथ उसने अपना काम खत्म किया, यह आवाज किसी स्प्रिंग या बोल्ट की अपनी जगह पर लगने जैसी थी। अभी भी वह आदमी जमीन पर ही झुका हुआ था और किसी लीवर जैसी चीज को खींच रहा था, जिसका परिणाम एक तेज चरखी की आवाज जैसा था, यह भी एक शक्तिशाली क्लिक पर ही खत्म हुई। अब वह खड़ा हो गया और मैंने देखा कि उसके हाथ में एक राइफल जैसी चीज थी, जिसका हत्था अजीब सा था। इसने इसकी नाल को बीच में से खोलकर इसमें कुछ डाला और फिर बंद कर दिया। उसने अपनी राइफल की नाल खुली खिड़की से बाहर की ओर कर दी और मैंने देखा कि उसकी लंबी मूँछें इस पर झुकी हुई हैं। उसकी चमकती आँखें बाहर की तरफ देख रही थीं। जैसे ही मैंने उसके कंधे पर राइफल की बट को टिके देखा, मैंने राहत की साँस ली। जब उसकी निगाह के अंतिम हिस्से पर मेरी निगाह पड़ी तो मैंने उस चकित कर देनेवाले लक्ष्य को देखा, जो कि पीली पृष्ठभूमि पर एक काली आकृति थी। एक पल के लिए वह आदमी बिलकुल स्थिर हो गया और उसकी उँगली राइफल के ट्रिगर पर कस गई। तभी सनसनाती हुई तेज, देर तक और अजीब सी आवाज के साथ चमकीला शीशा टूटने की आवाज आई। ठीक उसी समय होम्स उस आदमी की पीठ पर चीते की तरह झपटे और उसे चेहरे के बल जमीन पर गिरा दिया। वह आदमी अगले ही पल उठा और उसने अपनी पूरी ताकत के साथ होम्स का गला पकड़ लिया, पर उसी समय मैंने अपने रिवॉल्वर की मूठ से उसके सिर पर चोट की और वह फिर से जमीन पर गिर पड़ा। मैं भी उस पर झपट पड़ा, तभी मेरे साथी ने एक तेज सीटी बजाई, जिसे सुनते ही कुछ दौड़ते हुए कदमों की आवाज और सामने दो वरदीधारी पुलिस के जवान आते दिखे। जिनके पास सादे कपड़ों में एक जासूस भी था। ये सभी सामने के दरवाजे से होते हुए कमरे में घुसे थे।

होम्स ने कहा, ‘‘अरे लेस्ट्रेड तुम?’’

‘‘जी हाँ, मि. होम्स! मैंने इस काम को अपने हाथ में ले लिया था। आपको फिर से लंदन में देखकर बहुत खुशी हो रही है।’’

‘‘मेरे खयाल से तुम्हें थोड़ी गैर-सरकारी सहायता की जरूरत है। पिछले एक साल में हुई तीन-तीन हत्याएँ, जिनका अपराधी नहीं मिला, क्या ये यह नहीं दिखाती हैं? किंतु तुमने मौलसे रहस्य को लग सकनेवाले समय से पहले ही पता लगा लिया था, इसीलिए मैं कहता हूँ कि तुमने बहुत ही अच्छा काम किया।’’

हम सभी खड़े थे और हमारा कैदी, जिसे उन कांस्टेबिलों ने दोनों तरफ से पकड़ रखा था, वह लंबी-लंबी साँसें ले रहा था। सड़क पर पहले से ही कुछ लोग इकट्ठे होने शुरू हो गए थे। होम्स खिड़की की तरफ आगे बढ़े और इसे बंद करके इसका परदा गिरा दिया। लेस्ट्रेड ने दो मोमबत्तियाँ जला दीं और पुलिसवालों ने अपनी लालटेनों के भी ढक्कन हटा दिए थे। मैं अब अपने कैदी का चेहरा ठीक से देख सकता था।

इस आदमी की शक्ल बहुत ही मरदानी और क्रूर थी, इसने मुड़कर हमारी तरफ देखा। एक दार्शनिक की तरह उसकी भौंहें और भोग-विलास वाले उसके जबड़े से पता चलता था कि उस आदमी में अच्छे और बुरे दोनों ही कामों को करने की पूरी क्षमता थी। प्रकृति के साधारण-खतरनाक चिह्नों को पढ़े बिना कोई भी उसकी सनकी पलकों से ढकी क्रूर नीली आँखों, खूँखार चेहरे, आक्रामक और डराने वाली नाक एवं घनी भौंहों को नहीं देख सकता था। उसने हममें से किसी पर भी ध्यान नहीं दिया, पर उसकी आँखें होम्स के चेहरे पर गड़ी हुई थीं, जिसमें घृणा और आश्चर्य दोनों का ही मिश्रण था।

वह बुदबुदा रहा था, ‘‘तुम बहुत चालाक हो।’’

होम्स ने उसके मुड़े-तुड़े कॉलर को ठीक करते हुए कहा, ‘‘ओह, कर्नल! प्रेमियों के मिल जाने से यात्राएँ खत्म हो जाती हैं। पुराने नाटक ऐसा ही कहते हैं। मुझे नहीं लग रहा है कि तुम्हें देखकर मुझे खुशी महसूस हो रही है, हालाँकि राइखेनबाख के झरने के ऊपर जब मैं लेटा था, तब तुमने मुझ पर ध्यान देने की मेहरबानी की थी।’’

कर्नल अभी भी मेरे साथी को एकटक घूरता हुआ बोला, ‘‘तुम बहुत धूर्त हो।’’

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