होम्स ने कहा, ‘‘वाटसन! मुझे अपने आपको सीधा करने में बहुत मजा आ रहा है। एक लंबे आदमी के लिए अपने शरीर को घंटों तक झुकाए रखना कोई मजाक बात नहीं है। हाँ तो मेरे प्यारे दोस्त, अपने इस सारे किस्से के साथ क्या अब मैं अपने सामने आनेवाली एक कठिन व खतरनाक रात के काम के लिए तुम्हारा सहयोग प्राप्त कर सकता हूँ? उस काम को पूरा करने के लिए शायद यह अच्छा होगा कि मैं तुम्हें सारी स्थिति से परिचित करा दूँ।’’
‘‘मैं बहुत ही उत्सुक हूँ और इसे तुरंत सुनना भी पसंद करूँगा।’’
‘‘आज रात तुम मेरे साथ चलोगे?’’
‘‘तुम जब भी चाहो और जहाँ भी चाहो।’’
‘‘यह तो वाकई उन पुराने दिनों की ही तरह है। चलने से पहले हमारे पास भरपेट खाना खाने का समय है। और उस खाईवाले झरने से मुझे बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं हुई, क्योंकि इसका कारण बहुत ही सीधा है, मैं इसमें गिरा ही नहीं था।’’
‘‘आप इसमें गिरे ही नहीं?’’
‘‘नहीं, वाटसन! मैं इसमें कभी गिरा ही नहीं था। मैंने तुमको जो नोट लिखा था, वह बिलकुल सच था। मुझे इस बात का शक हो गया था कि मैं अपने पेशे की समाप्ति पर पहुँच चुका हूँ, तभी मैंने उस बद्शक्ल स्वर्गीय प्रोफेसर मोरिआर्टी की आकृति देखी, जो कि उस सँकरे रास्ते पर खड़ी थी और यह रास्ता सीधा सुरक्षा की तरफ जाता है। मैंने उसकी स्लेटी आँखों में एक दृढ़ उद्देश्य देखा। मैंने उसके साथ कुछ बातचीत भी की और उसकी सहज अनुमति से एक आदेश भी लिखा, जो कि बाद में तुमको मिला, जिसे मैंने अपनी सिगरेट की डिब्बी और छड़ी के साथ छोड़ दिया था। मैं फिर सँकरे रास्ते पर चल दिया, मोरिआर्टी अभी भी मेरे पीछे आ रहा था और जब मैं अंतिम छोर पर पहुँचा तो देखा कि मैं एक घाटी पर खड़ा हूँ। उसने कोई हथियार नहीं निकाला, पर वह मेरी तरफ दौड़ा और मुझे अपनी लंबी बाँहों में जकड़ लिया। वह जानता था कि उसका खेल खत्म हो चुका था और वह केवल मुझसे बदला लेना चाहता था। हम ऊपर झरने के किनारे एक साथ गुँथे हुए लड़खड़ा रहे थे। मुझे जापानी कुश्ती की कुछ जानकारी है, जो कि कई बार मेरे काम भी आ चुकी है। मैं किसी तरह उसकी पकड़ से बाहर आ चुका था, पर वह एक तेज चीख के साथ मुझ पर पागलों की तरह कुछ देर तक ठोकर मारता रहा और हवा में अपने पंजे लहराता रहा। उसके इन सारे प्रयासों के दौरान वह अपना संतुलन न बना सका और नीचे खाई में गिर गया। ऊपर किनारे से मैंने देखा कि वह काफी नीचे तक गिरता चला गया और फिर एक चट्टान से टकराया, उछला और नीचे गहरे पानी में गिर गया।’’
मैंने इस कहानी को आश्चर्य के साथ सुना, जो कि होम्स ने अपनी सिगरेट के कश लेते हुए मुझे सुनाई।
मैं जोर से चीखा, ‘‘पर वे पैरों के निशान, जिन्हें मैंने अपनी आँखों से देखा था, जो कि रास्ते पर सिर्फ जाने के ही थे, वे वापस नहीं लौटे।’’
यह इस प्रकार हुआ कि जब प्रोफेसर गायब हो गया, तब मैंने सोचा कि भाग्य ने मुझे कितना अद्भुत अवसर दिया है। मैं जानता था कि मोरीआर्टी ही वह अकेला शख्स नहीं था, जिसने मेरी मौत की कसम खाई थी। वहाँ कम-से-कम तीन और भी लोग थे, जिनकी मुझसे बदला लेने की चाहत और भी बढ़ जाएगी, जब वे जानेंगे कि उनके नेता की मौत हो चुकी है। वे सब बहुत ही खतरनाक आदमी हैं। उनमें से कोई एक मुझे जरूर ढूँढ़ लेगा और दूसरी तरफ दुनिया मान चुकी है कि मेरी मौत हो गई। इस तरह वे निश्चिंत हो जाएँगे। वे लोग खुद ही सामने आ जाएँगे और कभी-न-कभी मैं उन्हें नष्ट कर दूँगा। तभी उस घोषणा का समय आएगा कि मैं अभी जीवित हूँ। इसीलिए मेरे दिमाग ने तेजी से काम किया और मुझे लगता है कि जब तक प्रोफेसर मोरिआर्टी नीचे रेंचबाख झरने में पहुँचा होगा, इतनी ही देर में मैंने इस पर सोच लिया था।
‘‘मैं खड़ा हुआ और अपने पीछे उस चट्टानवाली दीवार को देखा। तुम्हारे उस सजीव चित्रण के साथ वह विवरण जिसे मैंने कुछ महीनों बाद पढ़ा था और जिसमें तुमने इस बात पर जोर दिया था कि वह दीवाल बिलकुल ही सीधी- सपाट थी, पर वह बात पूरी तरह से सही नहीं थी। दीवाल पर कहीं-कहीं पैर टिकाने के लिए अपने आप छोटे-छोटे खाँचे बन गए थे। वह चट्टानी चढ़ाई बिलकुल असंभव सी मालूम पड़ती थी और इसीलिए गीले रास्ते के बगल से गुजरते हुए मेरे पैरों के निशान का मिलना भी असंभव था। यह हो सकता था कि वापसी के मेरे जूतों के निशान तुम्हें मिल जाते, पर तीन-तीन जोड़ी पैरों के एक ही दिशा में जाते निशानों ने वाकई एक धोखा पैदा कर दिया होगा। एक चीज और सबसे अच्छी हुई कि मैंने ऊपर चढ़ने का जोखिम उठाया। वाटसन! इस काम में कोई मजा नहीं आ रहा था। नीचे झरने के गरजने की आवाज आ रही थी। मैं कोई कल्पनाशील व्यक्ति नहीं हूँ, मगर मैं तुमको बताना चाहता हूँ कि मुझे उस खाई में मोरिआर्टी की मुझ पर चीखने की आवाज महसूस हो रही थी। एक छोटी सी भी गलती मेरे लिए खतरा बन सकती थी। कई बार मेरे हाथों में घास का गुच्छा आया या मेरा पाँव भीगे हुए चट्टानी खाँचों से फिसला और मुझे लगा कि मैं गया, पर मैंने ऊपर चढ़ने के लिए संघर्ष किया और कई फीट नीचे की चट्टान पर पहुँच गया, जो कि मुलायम हरी काई से भरी हुई थी और जहाँ मैं दिखाई न देकर बहुत ही आराम की हालत में लेट सकता था। मैं वहीं लेटा हुआ था, जहाँ प्रिय वाटसन, तुम और तुम्हारे सहयोगी बहुत ही दयनीय तरीके से मेरी मौत की स्थितियों की छानबीन कर रहे थे।
‘‘अंत में जब तुम सभी ने अपनी कभी न बदलनेवाली गलत धारणा को बना लिया और तुम वापस होटल चले आए, तब भी मैं वहीं अकेला पड़ा रहा। मैंने सोचा कि मैं अपने रोमांचकारी कारनामों की समाप्ति पर पहुँच चुका हूँ, परंतु एक बिना उम्मीदवाली घटना ने मुझे दिखाया कि अभी भी मेरे लिए कुछ आश्चर्यजनक चीजें बची हुई हैं। तभी एक बड़ी सी चट्टान ऊपर से गिरी, मेरे पीछे जोर की आवाज करते हुए रास्ते पर टकराई और फिर उछलकर झरने में गिर गई। एक मिनट के लिए तो मुझे लगा कि यह एक दुर्घटना थी, पर अगले ही पल मुझे अँधेरे आसमान की तरफ एक आदमी का सिर दिखाई पड़ा और फिर एक दूसरा पत्थर वहीं पर गिरा, जहाँ मैं लेटा हुआ था। इस पत्थर से मेरे सिर की दूरी सिर्फ एक फीट की ही थी। इसका मतलब बिलकुल साफ था। मोरिआर्टी अकेला नहीं था, इसका पूरा गिरोह था और यहाँ तक कि एक झलक ने ही मुझे दिखा दिया कि इस आदमी का गिरोह कितना खतरनाक है। जब प्रोफेसर मुझ पर आक्रमण कर रहा था तो उसकी सुरक्षा के लिए उसके साथ एक गार्ड भी था। बहुत दूर से वह मुझे दिख नहीं रहा था, पर वह अपने साथी की मौत और मेरे बचे रहने का भी गवाह था। उसने थोड़ा इंतजार किया और फिर ऊपर चट्टान का चक्कर लगाने की भी कोशिश की, जो कि उसका साथी नहीं कर सका था।
‘‘वाटसन! मैंने इस बारे में बहुत देर तक नहीं सोचा, फिर मैंने ऊपर पहाड़ी पर उस कठोर चेहरेवाले को देखा। मैं समझ गया कि वह दूसरा पत्थर उठाने ही वाला था। मैं रास्ते पर रेंगता हुआ आगे बढ़ा। मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं यह कठिन काम होशो-हवास में कर रहा था। मेरे लिए उठ पाना काफी कठिन था, पर मेरे पास खतरे की बात सोचने का भी वक्त नहीं था कि तभी एक दूसरा पत्थर मेरे पीछे गिरा और मैं उस खाँचे को पकड़ किनारे की तरफ हाथों के बल लटक गया। आधी दूरी तक मैं फिसलता रहा, पर ईश्वर की कृपा से मैं रास्ते पर आ गया। मेरे शरीर से खून बह रहा था और मेरे कपड़े भी फट गए थे। मैं पहाड़ में करीब दस मील तक अँधेरे में भागता रहा और एक हफ्ते के बाद मैं इस विश्वास के साथ फ्लोरेंस पहुँचा कि दुनिया में अब कोई भी यह नहीं जान पाएगा कि मेरे साथ क्या हुआ था।
‘‘मुझे केवल अपने भाई माइक्राफ्ट पर ही भरोसा था। प्रिय वाटसन, तुम मुझे माफ कर दो, परंतु यह इतना जरूरी था कि इस बात का दुनिया को पता चल जाए कि मैं मर गया हूँ। यह बात बिलकुल ही तय थी कि यदि तुम यह न सोचते कि मेरी मौत की बात सच है, तब तुमने इतने यकीन से मेरी मौत के बारे में उस दुःखद अंत को न लिखा होता। पिछले तीन सालों में तुमको लिखने के लिए मैं हमेशा डरता था कि तुम मुझसे अपने लगाव की वजह से कुछ असावधानी न कर बैठो, जिससे मेरी यह गोपनीयता भंग हो जाए। इसीलिए मैं आज शाम को भी तुमसे मिलकर वापस चला गया, जबकि तुमने मेरी किताबें गिरा दी थीं। मैं उस समय भी खतरे में था और तुम्हारी थोड़ी सी भी जिज्ञासा और भावना मेरी पहचान पर लोगों का ध्यान खींच लेती, जिसका बहुत ही दुःखद और न सुधरनेवाला परिणाम सामने आता। जहाँ तक माइक्राफ्ट का सवाल है, मुझे उसे इसलिए बताना पड़ा कि जब भी मुझे जरूरत हो तो मैं उससे धन ले सकूँ। लंदन के हालात इस समय ठीक नहीं हैं और मारिआर्टी गिरोह के दो बहुत ही खतरनाक आदमी जेल जाने से अभी बचे हुए हैं। मुझसे बदला लेनेवाले मेरे दो दुश्मन भी आजाद हैं। मैं दो सालों तक तिब्बत में घूमता रहा और ल्हासा में आनंद लेते हुए मैंने कुछ दिन प्रमुख लामा के साथ भी बिताए। तुमने नॉर्वे के सिगरसन की असाधारण खोजों के बारे में पढ़ा, पर मुझे पक्का यकीन है कि तुमने अपने साथी की शायद ही कोई खबर पढ़ी होगी। इसके बाद मैं पर्शिया से होकर मक्का पहुँचा और थोड़ा ही, पर रोचक समय खलीफा के साथ खार्टोम में गुजारा, जिसका परिणाम यह हुआ कि मैंने विदेश कार्यालय में भी बात कर ली। फ्रांस के लिए वापस आते समय मैंने कुछ महीने कोलतार निकासी के अनुसंधान में भी बिताए और जिसका संचालन मैंने दक्षिण फ्रांस के मांटपेलियर की एक प्रयोगशाला में भी किया था। अपने खुद के संतोष और यह जानकर कि मेरा एक दुश्मन लंदन में है, मैं वापस जाने ही वाला था कि तभी पार्क लेन के इस खास रहस्य की खबर ने मुझे जल्दबाजी के लिए मजबूर कर दिया। इस खबर ने अपनी खासियत से मुझे लुभाया ही नहीं, बल्कि इसने मुझे कुछ खास निजी अवसरों के लिए भी आमंत्रित किया। मैं तुरंत ही लंदन आ गया और बैकर स्ट्रीट में मैंने अपने लोगों से संपर्क किया, जिसमें मिसेज हडसन पर तो दौरा ही पड़ गया। माइक्राफ्ट ने मेरा कमरा और मेरे कागज बिलकुल उसी हालत में रखे थे जैसे कि वे पहले रखे जाते थे। प्रिय वाटसन, देखो, आज ठीक दो बजे मैं अपने उसी पुरानी कुरसी पर बैठा हूँ और केवल यही चाहता हूँ कि मैं अपने पुराने साथी वाटसन को दूसरी कुरसी पर बैठा देखूँ, जिसकी वह अकसर शोभा बढ़ाता है।’’
यही वह अद्भुत विवेचना थी, जिसे मैंने अप्रैल की उस शाम को सुना था। यदि यह विवेचना उस लंबे, अलग तरह के शरीर, सजग व जिज्ञासु शक्लवाले व्यक्ति के द्वारा नहीं सुनाई जाती, जिसे मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं फिर से देखूँगा, तब यह एक ऐसी विवेचना होती, जो कि मेरे लिए बिलकुल ही अविश्वसनीय होती। होम्स के व्यवहार से यह मालूम पड़ता था कि उसने मेरी पीड़ा को समझ लिया था और उसकी करुणा शब्दों से अधिक उनके व्यवहार में झलक रही थी।
होम्स ने कहा, ‘‘वाटसन! काम ही दुःख की सबसे बड़ी ओषधि है और आज की रात हम दोनों के पास एक छोटा सा काम है, जिसे यदि हम सफलता के परिणाम तक पहुँचा देते हैं, तब यह कार्य हमारे जीवन को पृथ्वी पर पूरी तरह चरितार्थ कर देगा।’’
मैं कुछ समझ नहीं सका और मैंने उससे खुलकर बताने के लिए कहा।
होम्स ने कहा, ‘‘तुम सुबह से पहले काफी कुछ देख और सुन पाओगे। हमारे पास बातचीत करने के लिए अतीत के तीन साल हैं। साढ़े नौ बजने दो, तभी हम खाली मकान के रहस्य पर बातें शुरू करेंगे।’’
जब मैंने खुद को घोड़ागाड़ी में उसके पीछे बैठा हुआ पाया, मेरी रिवॉल्वर जेब में थी और दिल में उत्साह भरा हुआ था, तब यह समय वाकई उन पुराने दिनों की तरह ही लग रहा था। होम्स बिलकुल शांत और स्थिर बैठे हुए थे। जैसे ही सड़क पर लगे खंभों की रोशनी उनके गंभीर चेहरे पर पड़ी, तभी मैंने देखा कि विचार में डूबे होने की वजह से उनकी भौंहें सिकुड़ गई हैं और उनके पतले होंठ भिंचे हुए हैं। मैं यह तो नहीं जानता था कि लंदन में अपराधियों के घने जंगल में हम किस जंगली जानवर का शिकार करनेवाले हैं, पर मुझे अपने शिकारी की स्थिति से इस बात का पक्का यकीन था कि मामला काफी गंभीर है। उनकी अर्थपूर्ण मुसकराहट कभी-कभी उनके चेहरे पर हमारी खोज के लिए एक अच्छे शकुन की तरह दिखती थी।
मैंने सोचा कि हम बेकर स्ट्रीट जा रहे हैं, पर होम्स ने घोड़ागाड़ी कैवेंडिश स्क्वायर के कोने पर ही रोक दी। मैंने देखा कि जैसे ही वे उतरे, उन्होंने अपने दाहिने व बाईं ओर एक खोजी निगाह डाली और फिर पास की गलियों की तरफ भी देखा। उन्होंने यह जानने के लिए थोड़ी कोशिश भी की कि कोई उनका पीछा तो नहीं कर रहा है। हमारा रास्ता एकदम सुनसान था। लंदन के छोटे-छोटे रास्तों के बारे में होम्स की जानकारी अद्भुत थी और ऐसे मौके पर तो वे छोटे-छोटे घुड़सालों और अस्तबलों के जाल के बीच से होकर गुजर जाते थे, जिनकी मौजूदगी के बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं था। हम अब एक पतली सी सड़क पर आ गए, जहाँ किनारे पुराने और बदरंग से घर कतार में बने हुए थे। यह रास्ता हमें मेनचेस्टर स्ट्रीट और फिर ब्लैंडफोर्ड स्ट्रीट की तरफ ले जाता था। यहीं पर वे एक सँकरे से रास्ते की तरफ मुड़े और हम खुले मैदान से होकर एक लकड़ी के मकान के भीतर पहुँचे। यहाँ पहुँचकर उन्होंने चाभी से उस मकान के पीछे का दरवाजा खोला। हम मकान के भीतर साथ-साथ ही घुसे और घुसते ही होम्स ने दरवाजा बंद कर दिया।
यहाँ बहुत अँधेरा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह मकान बिलकुल ही खाली था। नंगे फर्श पर हमारे जूतों से चलने की आवाज आ रही थी और हमारे फैले हाथों ने तभी दीवार को छुआ, जिस पर कागज के फीते लटके हुए थे। होम्स की पतली और ठंडी उँगलियों ने मेरी कलाई को जकड़ रखा था। वह मुझे एक बड़े से हॉल की तरफ ले गया, जहाँ दरवाजे के ऊपर रोशनदान से आती धुँधली रोशनी दिखाई पड़ रही थी। ठीक यहीं पर होम्स अचानक दाहिनी तरफ मुड़ा और हम एक बड़े चौकोर कमरे में आ गए, जिसके कोनों में काफी अँधेरा था, पर दूर सड़क से आती धुँधली रोशनी बीच में पड़ रही थी। खिड़कियों पर मोटी धूल जमी हुई थी और वहाँ लैंप भी नहीं था। हम आपस में एक-दूसरे को उँगलियों के सहारे ही पहचान सकते थे। मेरे साथी ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा और अपने होंठों को मेरे कान के पास ले आए और फुसफुसाते हुए बोले, ‘‘क्या तुम्हें पता है कि हम कहाँ हैं?’’
उस धुँधली खिड़की की तरफ घूरते हुए मैंने कहा, ‘‘यह जगह पक्के तौर पर बेकर स्ट्रीट ही है।’’
‘‘बिलकुल ठीक! हम अपने पुराने क्वार्टर के ठीक सामने कैंडेन हाउस में हैं।’’
‘‘पर हम यहाँ क्यों हैं?’’